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सीएम नीतीश कुमार

भारत जोड़ो यात्रा लोकप्रिय हो रही है, इसलिए विरोध कर रहे हैंः नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा को प्रभावित करने के लिए कोविड का शोर मचाया जा रहा है। पटना में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की। नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह शोर तब मचाया जब यात्रा खासी लोकप्रिय हो रही है और दिल्ली के करीब पहुंच गई है।
नीतीश कुमार ने कहा, हमें यह पता होना चाहिए कि केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी पिछली बार कोविड को लेकर क्यों ढुलमुल हो गई थी, और अब जब कांग्रेस के लोग यात्रा निकाल रहे हैं तो वे निश्चित रूप से सतर्क क्यों हो गए हैं।

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यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यात्रा में कोविड-19 प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने या "राष्ट्रीय हित में" इसे टालने का आग्रह किया है, नीतीश कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा-

मैं यही तो कह रहा हूं कि इन लोगों को उस यात्रा पर आपत्ति क्यों है? वे खुद जुलूस क्यों निकालते रहते हैं?


- नीतीश कुमार, सीएम बिहार, 21 दिसंबर 2022 पटना में

बता दें कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार चार महीने पहले बीजेपी को छोड़कर 'महागठबंधन' में शामिल हुए हैं, जिसमें कांग्रेस भी शामिल हैं। नीतीश अगले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करके एनडीए गठबंधन को हराने की कसम खाई थी।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और मामलों में तेज गिरावट के बावजूद परीक्षण दर को कभी कम नहीं होने दिया गया। कई दिनों से तो शून्य मामलों की रिपोर्ट आ रही है। जो मामले आए भी हैं, उनकी टैली एक अंक में होती है। बहरहाल, हमने आक्रामक परीक्षण जारी रखा हुा है। प्रत्येक 10 लाख आबादी पर परीक्षण किए गए लोगों की संख्या लगभग आठ है। जो छह लाख के राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है।
नीतीश को जब यह बताया गया कि आज ही इस पर एक उच्चस्तरीय बैठक भी हो चुकी है तो मुख्यमंत्री ने कहा, जब से चीन का मामला सामने आया है तो अचानक इसमें (कोविड 19) भी उछाल देखा गया है। इसलिए सभी परेशान हैं।

बिहार में शराब से हुई मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम भेजे जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, मैं जानना चाहता हूं कि क्या उन्होंने कभी अन्य राज्यों में भी टीमों को भेजने की जहमत उठाई थी, जहां इसी तरह की त्रासदी हुई थी। नीतीश कैबिनेट के कई मंत्रियों ने भी आयोग पर राज्य में सरकार को "बदनाम" करने के लिए बीजेपी के "प्रचार" का हिस्सा बनने का आरोप लगाया।

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"पियोगे तो मरोगे" टिप्पणी को दोहराते हुए नीतीश ने कहा, शराब बेचने के लिए जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनसे वसूले गए पैसे से पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए शराबबंदी कानून में प्रावधान है। यह उचित समय पर होगा।

विपक्षी बीजेपी ने हाल के शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर विधानसभा के अंदर हंगामा खड़ा कर दिया था। नीतीश कुमार ने जहरीली शराब कांड के विरोध में विधानसभा परिसर में धरना देने के लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा - वे कुछ महीने पहले तक हमारे साथ थे और हमने जो कुछ भी किया उसमें उन्होंने सरकार का समर्थन किया था। अब जब वे सत्ता से बाहर हैं तो वे दोष निकालने में व्यस्त हैं। हमें किसी भी शरारत से सावधान रहने की जरूरत है।  
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