चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर के दौरान मतदाता सूची से जो नाम हटाए हैं, उसको लेकर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि किसी एक बूथ से डिलीट किए गए सभी मतदाताओं के नाम को हटाने का कारण मौतें हों? ऐसा कोई सिर्फ़ एक बूथ पर नहीं, बल्कि क़रीब एक हज़ार बूथों पर ऐसा ही हुआ हो तो? बड़ी संख्या में बूथों पर हटाए गए मतदाताओं में युवा मौतों का असामान्य अनुपात क्या दिखाता है? सवा सौ बूथों पर हटाए गए मतदाताओं में 80 फीसदी से ज़्यादा महिलाएँ क्यों हैं?