चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर के दौरान मतदाता सूची से जो नाम हटाए हैं, उसको लेकर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि किसी एक बूथ से डिलीट किए गए सभी मतदाताओं के नाम को हटाने का कारण मौतें हों? ऐसा कोई सिर्फ़ एक बूथ पर नहीं, बल्कि क़रीब एक हज़ार बूथों पर ऐसा ही हुआ हो तो? बड़ी संख्या में बूथों पर हटाए गए मतदाताओं में युवा मौतों का असामान्य अनुपात क्या दिखाता है? सवा सौ बूथों पर हटाए गए मतदाताओं में 80 फीसदी से ज़्यादा महिलाएँ क्यों हैं?
बिहार SIR: 65 लाख नाम हटाने में कैसे-कैसे अजीबोगरीब पैटर्न!
- बिहार
- |
- 1 Oct, 2025
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR के दौरान 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए। रिपोर्ट में नाम हटाने में सामने आए अजीबोगरीब पैटर्न ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
दरअसल, चुनाव आयोग ने एसआईआर के दौरान ड्राफ़्ट मतदाता सूची में 65 लाख लोगों के जो नाम हटाए हैं उसके डेटा के विश्लेषण के बाद मतदाताओं के नाम डिलीट किए जाने में अजीबोगरीब पैटर्न दिखे हैं। द हिंदू ने इन डेटा का विश्लेषण किया है और कहा है कि कम से कम आठ श्रेणियों में ये पैटर्न दिखे।