बिहार विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों पर राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव का ज़बरदस्त विश्लेषण! क्या बिहार के मतदाताओं ने सचमुच यही जनादेश दिया है, या फिर इस परिणाम के पीछे कोई 'और खेल' हुआ है?