loader
छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने बीजेपी छोड़ी।

छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने भाजपा क्यों छोड़ी

छत्तीसगढ़ के वयोवृद्ध आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़ दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय आया है जब छत्तीसगढ़ में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। आदिवासी नेता नंद कुमार ने संकेत दिया कि भाजपा में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चरम पर है और उन्हें पार्टी में झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा। समझा जाता है कि नंद कुमार साय कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस ने आज रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, जिसमें इस आशय की घोषणा हो सकती है। लेकिन अभी उनके कांग्रेस में आने को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

Chhattisgarh tribal leader Nand Kumar Sai quits BJP - Satya Hindi
नंद कुमार साय ने कहा, मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने मुझे जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, मैंने उन्हें पूरी निष्ठा के साथ निभाया है। इसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। एक वीडियो में, वरिष्ठ राजनीतिक नेता ने उम्मीद जताई है कि भाजपा अब ठीक से काम करेगी।

ताजा ख़बरें
उल्लेखनीय है कि नंदकुमार साय 2003-05 के बीच छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख थे और 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने से पहले वह 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख थे। 2017 में साय को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति (NCST) आयोग का प्रमुख बनाया गया था। वो पूर्व दो बार लोकसभा सांसद और तीन बार विधायक भी रह चुके हैं।
छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख अरुण साव ने कहा कि वे नंदकुमार साय की गलतफहमी को दूर करने की कोशिश करेंगे।सत्तारूढ़ कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर आदिवासियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि उसे साय स्वीकार नहीं कर सके।

सूत्रों का कहना है कि नंद कुमार साय को मनाने की कोशिशें जारी है। छत्तीसगढ़ के भाजपा समर्थक जूदेव परिवार के जरिए साय से संपर्क किया गया है। भाजपा चाहती है कि नंद कुमार को किसी भी तरह कांग्रेस में जाने से रोका जाए।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

छत्तीसगढ़ से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें