अगर गब्बर सिंह कहता, ”आज से पचास साल बाद भी जब बच्चा रोएगा, तो मां कहेगी, बेटा सो जा, नहीं तो गब्बर आ जाएगा...” — तो इसे एक सटीक भविष्यवाणी कहा जाता। पचास बरस बाद भी, भारत की सबसे बड़ी हिट आज भी उसी शान से चलती है — सिर्फ़ अपने सितारों के बल पर नहीं, बल्कि उन तमाम सिनेमा के कारीगरों के दम पर जिनका काम पर्दे पर तो बोलता है, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी में वे अक्सर छूट जाते हैं।