फ़िल्म के आख़िरी दृश्य में आदिल हुसैन और वानी की टेलीफ़ोन पर बातचीत से खुलासा होता है कि वह भी रॉ की एक सीक्रेट एजेंट हैं। खुर्राट बेलबॉटम आईएसआई की साज़िश तो सूंघ लेता है लेकिन अंत तक यह नहीं जान पाता कि उसकी फैशनेबल बीवी भी एक सीक्रेट एजेंट है।
फ़िल्म की रिलीज़ के वक़्त इसकी बड़ी तारीफ़ की गई थी लेकिन आख़िरी के आधे घंटे को छोड़कर फ़िल्म में कुछ ख़ास नहीं है। अक्षय कुमार के बहुत तगड़े प्रशंसकों की बात अलग है, वे लक्ष्मी जैसी फ़िल्म पर भी ताली पीट सकते हैं।