गोडसे और गांधी के बीच संवाद के माध्यम से अखंड भारत का मुद्दा, महात्मा गांधी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप, अखंड भारत की परिकल्पना,भारत की बहुलतावादी संस्कृति, सांप्रदायिकता, भारत विभाजन आदि विषय सामने आते हैं।
कुछ लोग यही मान बैठे हैं कि फिल्म में गोडसे को गांधी के बराबर खड़ा किया गया है। और उनका मानना है के जितना महत्व महात्मा गांधी का है उतना महत्व गोडसे को दिया गया है। यह एक नासमझी है। गांधी और गोडसे के बीच बातचीत का यह अर्थ बिल्कुल नहीं हो सकता कि दोनों बराबर हैं।