आजकल हर महीने कोई ना कोई ऐसी फिल्म आती है जिसका राजनीतिक एजेंडा होता है। राजनीतिक फिल्में तो पहले भी बनती रही हैं, लेकिन अब जो फिल्में राजनीति को लेकर बनाई जा रही हैं उनका मुख्य उद्देश्य होता है सत्तारूढ़ पार्टी की मदद करना। चुनाव के ठीक पहले इस तरह की फिल्मों की बाढ़ आ गई है। इस सप्ताह भी एक ऐसी ही फिल्म लगी है 'रजाकार'। यह फिल्म तेलुगु और हिन्दी में रिलीज हुई है। यह हैदराबाद की 'द कश्मीर फाइल्स' है। वैसी ही हिंसा, वैसा ही हिन्दू- मुस्लिम बंटवारा।