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ज़िंदगी में कभी हार न मानना सिखाती है 'जीत की जिद'

वेब सीरीज़- जीत की जिद

डायरेक्टर- विशाल मंगालोरकर

स्टार कास्ट- अमित साध, अमृता पुरी, सुशांत सिंह, अली गोनी, मृणाल कुलकर्णी, परितोष सांद

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- ज़ी 5

रेटिंग- 2.5/5

अक्सर हमारे बीच में कई बहादुर लोग रहते हैं लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पाते। उनके बारे में हमें या तो उनका नाम होने पर पता चलता है या किसी और के ज़रिये। ऐसे ही एक बहादुर, निडर फौजी की जिंदगी की कहानी पर आधारित वेब सीरीज़ 'जीत की जिद' जी 5 पर रिलीज़ हुई है। जिसका निर्देशन विशाल मंगालोरकर ने किया है और इसमें लीड रोल में अमित साध, अमृता पुरी और सुशांत सिंह हैं। सीरीज़ की कहानी मेजर दीपेंद्र सिंह सेंगर के जीवन पर आधारित है, जो कि स्पेशल फ़ोर्स में थे और उन्होंने कारगिल में एक ऑपरेशन के दौरान दुश्मनों का बहादुरी से सामना किया था। कारगिल में दिखाए शौर्य के लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था। दीपेंद्र ने मैदान और जिंदगी दोनों की बाधाओं का डटकर मुकाबला किया। तो आइये जानते हैं सीरीज़ की क्या है कहानी-

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क्या है खास

दीपेंद्र सिंह सेंगर उर्फ दीप (अमित साध) बचपन में अपने भाई रजत और माँ (मृणाल कुलकर्णी) के साथ कश्मीर घूमने जाता है और वहाँ आतंकियों के हाथों रजत मारा जाता है। उसी वक़्त दीप आर्मी में भर्ती होने का मन बना लेता है। दीप आर्मी में भर्ती होकर स्पेशल फ़ोर्स की यूनिट को ज्वाइन करता है। यहाँ उसके लीडर कर्नल संदीप चौधरी (सुशांत सिंह) उसे एक से बढ़कर एक कड़े टास्क देते हैं और दीप सभी को पास कर जाता है। सबसे बहादुर, निडर मेजर दीप सिंह को कारगिल भेजा जाता है, जहाँ उसे पाकिस्तानी सेना का सामना करना होता है। ये ऑपरेशन कामयाब हो जाता है लेकिन आख़िर में दीप को दुश्मन की पाँच गोलियाँ लग जाती हैं और अब वो कभी चल नहीं सकता और जिंदगी भर उसे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ेगा। 

दीप इस ऑपरेशन से पहले जया (अमृता पुरी) से शादी करने वाला था, लेकिन उसकी जिंदगी में सब बदल गया। तो क्या अब दीप कभी अपने पैरों पर चल पायेगा? क्या एक बहादुर अफसर की जिंदगी यहीं रुक जाएगी? जया से वो शादी करेगा या नहीं? ये सब जानने के लिए आपको सीरीज़ 'जीत की जिद' ज़ी 5 पर देखनी पड़ेगी। सीरीज़ में कुल 7 एपिसोड हैं।

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निर्देशन

डायरेक्टर विशाल मंगालोरकर के निर्देशन में बनी सीरीज़ 'जीत की जिद' में स्टार कास्ट और कहानी दोनों अच्छी है, लेकिन कहानी में कसावट नहीं है। कई सीन्स दोहराये जाते हैं और तकनीकी पहलुओं पर निर्देशक ने जरा भी ध्यान नहीं दिया। जिसका हाल यह हुआ कि सीरीज़ ज्यादा लंबी हो गई।

एक्टिंग

अमित साध बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं और वो काफी मेहनती हैं। उन्होंने इस सीरीज़ के लिए कड़ी मेहनत की है और वो उनकी शानदार एक्टिंग में साफ़ दिखाई देती है। सुशांत सिंह ने अपने किरदार को दमदार तरीक़े से पेश किया है और उनकी परफॉर्मेंस ख़ूब उम्दा है। अमृता पुरी ने दीप की पत्नी का किरदार निभाया है और उन्होंने अपने रोल को बखूबी निभाया। इसके अलावा अली गोनी, मृणाल कुलकर्णी और परितोष सांद ने अच्छी एक्टिंग की है।

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वेब सीरीज़ 'जीत की जिद' की कहानी रियल लाइफ़ स्टोरी पर आधारित है और इसे देखने के बाद आपको पता चलेगा कि फौजियों की जिंदगी कितनी मुश्किल होती है। आत्मविश्वास और कुछ भी कर जाने की जिद से भरी इस कहानी को एक बार आपको ज़रूर देखना चाहिये। सीरीज़ में कमी बस यह है कि इसकी कहानी काफी लचर है, जिसमें कभी वर्तमान तो कभी बीते वक़्त की कहानी को दिखाया जाता है। इसके साथ ही सीरीज़ के हर एपिसोड में आख़िर में असली दीप सिंह और जया अपनी जिंदगी की कहानी को सुनाते हैं, जिसकी ज़रूरत नहीं थी। वेब सीरीज़ 'जीत की जिद' को आप एक बार देख सकते हैं, मेजर दीप सिंह की बहादुरी के लिए, फौजियों के पराक्रम और अमित साध की शानदार एक्टिंग के लिए भी।
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दीपाली श्रीवास्तव
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