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नोएडा में नमाज़ के बाद अब ग्रेटर नोएडा में भागवत कथा पर रोक

प्रशासन ने नोएडा के एक पार्क में नमाज़ के बाद अब ग्रेटर नोएडा में अथॉरिटी की जमीन पर भागवत कथा के आयोजन को रोक दिया है। मामला सेक्टर-37 का है। सेक्टर के आरडब्ल्यूए ने आयोजन को रुकवाने की माँग की थी। बिना अनुमति के अथॉरिटी की जमीन पर यह आयोजन किया जा रहा था। पिछले हफ़्ते ही बिना अनुमति के नोएडा सेक्टर 58 के एक पार्क में जुमे की नमाज़ को रोक दिया गया था जिसपर काफ़ी हंगामा हुआ। 

नमाज़ वाला मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब भागवत कथा के आयोजन का मामला सामने आ गया है। मामला ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-37 में अथॉरिटी की खाली जमीन से जुड़ा है। कुछ लोगों ने बिना अनुमति के ही भागवत कथा के लिए टेंट लगा दिया। यहाँ म्यूजिक सिस्टम और माइक लगा दिए गए। शिकायत मिलने पर अथॉरिटी की टीम ने बुधवार सुबह टेंट को हटा दिया। आयोजन समिति में शामिल महिलाओं से अथॉरिटी टीम की कहासुनी हो गई। देर शाम तक अथॉरिटी का दस्ता मौक़े पर जमा रहा। हालाँकि यहाँ स्थापित प्रतिमाओं को नहीं हटाया जा सका है।

  • ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा है कि बिना अनुमति के अथॉरिटी की प्रॉपर्टी पर किसी तरह का आयोजन नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि आयोजन बिना अनुमति हो रहा था, लिहाज़ा उन्होंने इसे रुकवा दिया है। 

नौ दिनों तक होना था आयोजन

अधिकारियों ने बताया कि भागवत कथा का आयोजन नौ दिनों तक किया जाना था और इसकी शुरुआत बुधवार को होनी थी। यह आयोजन जिस जगह होना था वह नोएडा अथॉरिटी की जमीन है। एक अधिकारी का कहना है कि आयोजन से सेक्टर का रेजिडेंट वेल्फ़ेयर असोसिएशन नहीं जुड़ा था। कार्यक्रम का मुख्य आयोजक बाहर का था। हालाँकि अफ़सर ने आयोजक का नाम नहीं बताया। 

नोएडा के पार्क में नमाज़ पर क्या था विवाद?

पिछले हफ़्ते ही बिना अनुमति के नोएडा सेक्टर 58 के एक पार्क में जुमे की नमाज़ को रोक दिया गया था। ख़ुद पुलिस ने बाक़ायदा नोटिस देकर कंपनियों से कहा था कि यदि उनके कर्मचारी खुले में नमाज़ पढ़ते पाए गए तो कंपनियों पर कार्रवाई होगी। इस पर काफ़ी हंगामा हुआ। हालाँकि, बाद में प्रशासन ने सफ़ाई दी कि कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उसका यह भी कहना था कि वैसे भी यह आदेश सिर्फ़ नोएडा के सेक्टर-58 के लिए था। बता दें कि कुछ महीने पहले फ़रीदाबाद में इस पर विवाद हुआ, फिर गुड़गाँव में भीड़ द्वारा मुसलमानों को पार्क में नमाज़ पढ़ने से रोका गया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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