दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के नाम की घोषणा होते ही उनपर हमला तेज हो गया। हमला करने वाले अग्रणी लोगों में आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल भी हैं। उन्होंने आतिशी के माँ-बाप के अफजल गुरु को लेकर दिए बयान को लेकर कह दिया कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी घोषणा दिल्ली के लिए एक दुखद दिन है। उनको अब इस बयान के बाद क्या इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा?
आप ने उनके द्वारा आतिशी पर टिप्पणी किए जाने के बाद राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के इस्तीफे की मांग की है। आप के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि मालीवाल आप द्वारा राज्यसभा भेजे जाने के बावजूद भाजपा की स्क्रिप्ट पढ़ती हैं।
दिलीप पांडे ने कहा, 'स्वाति मालीवाल आप से राज्यसभा का टिकट लेती हैं, लेकिन भाजपा से प्रतिक्रिया की स्क्रिप्ट लेती हैं। अगर उनमें थोड़ी भी शर्म है, तो उन्हें राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और भाजपा के टिकट पर राज्यसभा का रास्ता चुनना चाहिए।'
बता दें कि आप ने मंगलवार सुबह आतिशी को अरविंद केजरीवाल का उत्तराधिकारी घोषित किया है। केजरीवाल आज ही शाम को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले हैं। पिछले शुक्रवार को दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि जब तक लोग उन पर फिर से विश्वास नहीं जताते और आगामी चुनावों में उनकी पार्टी को फिर से नहीं चुनते, तब तक वह शीर्ष पद पर नहीं बैठेंगे।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) September 17, 2024
स्वाति मालीवाल ने कहा, 'आज दिल्ली के लिए बहुत दुखद दिन है। आज एक ऐसी महिला को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, जिसके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी से बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उसके माता-पिता ने आतंकवादी अफजल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिका लिखी थी।' उन्होंने आतिशी को 'डमी सीएम' करार दिया और उनके माता-पिता पर राजनीतिक साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया।
स्वाति मालीवाल और आप में अनबन
वैसे, विभव कुमार मामले के बाद स्वाति मालीवाल और आप के बीच अनबन चल रही है। मई महीने में आप खुलकर अपनी ही सांसद स्वाति मालीवाल के ख़िलाफ़ आ गई थी। तब आतिशी ने कहा था कि स्वाति ने विभव कुमार पर जो मारपीट के आरोप लगाए हैं वे बीजेपी के इशारे पर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा था कि आप की राज्यसभा सांसद को बीजेपी की साजिश के तहत दिल्ली के सीएम के घर भेजा गया था।
आतिशी ने तब कहा था, 'जब से अरविंद केजरीवाल जी जेल से बाहर आए हैं, तब से बीजेपी बौखलाई हुई है। इसी क्रम में बीजेपी ने एक साजिश रची और इसमें स्वाति मालीवाल जी को चेहरा बनाया गया। स्वाति मालीवाल जी बिना किसी अप्वाइंटमेंट के सीएम आवास पहुँचीं और वह मुख्यमंत्री जी पर आरोप लगाना चाहती थीं, लेकिन उस समय वहां सीएम नहीं थे और वह बच गए। इसके बाद विभव कुमार जी पर आरोप लगाए गए।'
बता दें कि आतिशी का पूरा नाम आतिशी मार्लेना सिंह है। 8 जून 1981 को जन्मी आतिशी को अपना मध्य नाम 'मार्लेना' प्रोफेसर माता-पिता विजय सिंह और तृप्ता वाही से मिला। आप के अनुसार, यह नाम मार्क्स और लेनिन का प्रतीक है। यानी मार्लेना दरअसल मार्क्स और लेनिन के नामों को जोड़कर बनाया गया है। हालाँकि जैसे ही दिल्ली के चुनाव नजदीक आए, राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में आतिशी ने रोजाना के जीवन में अपने उपनाम का इस्तेमाल बंद करने और 2018 में अपने नाम के रूप में सिर्फ आतिशी अपनाने का फैसला किया।
आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और पार्टी की नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2015 में उन्होंने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ऐतिहासिक जल सत्याग्रह में भी भाग लिया और विरोध प्रदर्शन और कानूनी लड़ाई के दौरान आप नेता और कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल को समर्थन दिया। 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आतिशी को दक्षिणी दिल्ली की कालकाजी सीट से टिकट दिया गया था। उन्होंने बीजेपी के धर्मबीर सिंह को 11,000 वोटों से हराया।
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