दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ. भीमराव आंबेडकर कॉलेज के प्रोफेसर सुजीत कुमार पर हमले से बड़ा हंगामा खड़ा हो गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन यानी डीयूएसयू की जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका झा ने प्रोफेसर को कथित तौर पर थप्पड़ जड़ दिया। एबीवीपी के सदस्यों ने कथित तौर पर प्रोफेसर को इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला और उनके साथ धक्का-मुक्की की। यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ।

यह घटना दो छात्र समूहों के बीच हुए विवाद को सुलझाने के लिए आयोजित बैठक के दौरान हुई। घटना प्रिंसिपल के कार्यालय में दिल्ली पुलिस के कर्मियों की मौजूदगी में हुई और सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। प्रोफेसर कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक दबाव में इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया। इस घटना के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन यानी डीयूटीए ने वाइस चांसलर को पत्र लिखकर तत्काल जाँच और कार्रवाई की मांग की है।
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विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

इस विवाद की शुरुआत हाल ही में हुए कॉलेज के फ्रेशर्स फंक्शन और छात्र परिषद के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुई। प्रोफेसर सुजीत कुमार कॉलेज के अनुशासन समिति के संयोजक भी हैं। उन्होंने एएनआई को बताया, 'पिछले हफ्ते फ्रेशर्स पार्टी के दौरान कुछ छात्रों ने कॉलेज के निर्वाचित अध्यक्ष (एनएसयूआई से जुड़े) को पीटा। मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे फिर झगड़ पड़े। एक शिक्षक राकेश यादव ने एबीवीपी से जुड़े छात्रों का पक्ष लिया। मैं कई छात्रों से घिर गया था, तब पुलिस ने मुझे बचाया।'

प्रोफेसर कुमार ने आगे कहा, 'प्रिंसिपल कार्यालय में बैठक बुलाई गई, जहाँ डीयूएसयू नेता और एबीवीपी सदस्यों ने मुझे घेर लिया। उन्होंने दबाव डाला कि मैं अनुशासन समिति से इस्तीफा दूँ, और मैंने दे दिया। उसके बाद दीपिका झा ने मुझे थप्पड़ मारा, जो वीडियो में साफ दिख रहा है।' वीडियो 32 सेकंड का है, जिसमें प्रोफेसर सोफे पर बैठे हैं, दीपिका उनके बगल में। बहस गरम होने पर दीपिका खड़ी हो जाती हैं और थप्पड़ मारती हैं। एक महिला पुलिसकर्मी उन्हें रोकती है, जबकि एक अज्ञात व्यक्ति प्रोफेसर को वापस धकेल देता है। कम से कम चार पुलिसकर्मी मौजूद थे।

क्या हैं आरोप-प्रत्यारोप?

यह घटना कॉलेज छात्र परिषद चुनावों से जुड़ी है। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार एक गुमनाम प्रोफ़ेसर ने बताया, 'एनएसयूआई का उम्मीदवार अध्यक्ष पद जीता, जबकि दो अन्य पद एबीवीपी के पास गए। एनएसयूआई अध्यक्ष को एबीवीपी सदस्यों ने पीटा, जिसकी शिकायत दर्ज हुई।' कुमार ने कहा, 'एक महीने पहले इसी एनएसयूआई छात्र को एबीवीपी सदस्यों ने पीटा था क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहता था। मैंने तीन एबीवीपी छात्रों को 30 सितंबर तक सस्पेंड किया था। बुधवार को शपथ ग्रहण के दौरान एक सस्पेंडेड छात्र ने फिर एनएसयूआई अध्यक्ष को मेरी और अन्य सदस्यों की मौजूदगी में पीटा।'

एबीवीपी से जुड़ी दीपिका झा ने एचटी को बताया कि वह छात्रों की शिकायत पर कॉलेज गई थीं। उन्होंने कहा, 'मैंने प्रोफेसर कुमार से कहा कि सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीना छात्रों पर बुरा प्रभाव डालता है। उन्होंने मुझे गाली दी, घूरा और मुस्कुराए, जिससे मैं असहज हुई। गाली देने पर मैंने थप्पड़ मार दिया, जो गलत था।' कुमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया।
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रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'शाम को शिकायत मिली। वीडियो देखा गया है और सीसीटीवी फुटेज प्राप्त की जा रही है। जाँच चल रही है।' 

घटना पर आक्रोश

घटना के वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया। एनएसयूआई ने पोस्ट किया, 'कल डीयू के बीआर आंबेडकर कॉलेज प्रिंसिपल रूम में एबीवीपी की डूसू जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका ने एक वरिष्ठ प्रोफेसर को दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में थप्पड़ मारा। साथ में एबीवीपी के 50 गुंडे भी कमरे में मौजूद थे।' एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, 'हम पूछना चाहते हैं, क्या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को एबीवीपी के गुंडों के हवाले कर दिया है? क्या सीएम और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि एबीवीपी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न की जाए? मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की दीपिका झा से नज़दीकी जगजाहिर है। शिक्षा के मंदिर में प्रोफेसर को पीटना शर्मनाक है, पुलिस कार्रवाई हो और दीपिका को विश्वविद्यालय से तुरंत निष्कासित किया जाए।'
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दिल्ली यूनिवर्सिटी लंबे समय से छात्र संगठनों के बीच हिंसा का केंद्र रही है। 2023 के डीयूएसयू चुनावों में भी मारपीट हुई थी। एनसीआरबी डेटा के अनुसार, उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों से जुड़े अपराधों में 15% वृद्धि हुई है। जानकारों का मानना है कि राजनीतिक पूर्वग्रह अनुशासन समितियों को कमजोर कर रहा है।