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कौन है मोदी विरोधी पोस्टर के पीछे, दिल्ली में 100 एफआईआर

अब आप पीएम मोदी के खिलाफ कुछ भी लिखकर पोस्टर नहीं लगा सकते। पोस्टर पर सिर्फ लिखा था - मोदी हटाओ, देश बचाओ।  राजधानी दिल्ली में मोदी हटाओ देश बचाओ पोस्टर लगाने पर दिल्ली पुलिस ने 100 एफआईआर दर्ज की हैं। इस आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो प्रिंटिंग प्रेस मालिक भी हैं। हालांकि इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि 44 एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली में लगाए गए सैकड़ों पोस्टर को दिल्ली पुलिस अब हटाती हुई घूम रही है। हालांकि संसद के बाहर और अंदर विपक्षी दलों के सांसद इससे तीखे पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक दिल्ली में कई इलाकों में दीवारों और खंभों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने की मांग वाले पोस्टर पाए जाने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। एक वैन को रोके जाने के बाद कम से कम 2,000 पोस्टर जब्त कर लिए गए। हालांकि उससे पहले सैकड़ों पोस्टर दिल्ली के कई इलाकों में लगा दिए गए हैं। 

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हालांकि मोदी हटाओ-देश बचाओ पोस्टर से भी ज्यादा तीखे पोस्टर और बैनर लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर हाल ही में प्रदर्शन किए हैं। कल मंगलवार को संसद भवन की पहली मंजिल पर भी तमाम विपक्षी सांसद हाथों में मोदी विरोधी पोस्टर और बैनर लेकर खड़े थे। लेकिन इन प्रदर्शनों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कोई एफआईआर नहीं की।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई को सरकार की तानाशाही बताया है। उसका ट्वीट देखिए-
विशेष पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) दीपेंद्र पाठक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस ने डीडीयू मार्ग स्थित आप मुख्यालय से आ रही एक वैन को आईपी एस्टेट इलाके में रोका। उसमें बैठे एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। एएनआई ने पाठक और आप के हवाले से 100 एफआईआर दर्ज होने की बात कही लेकिन इंडियन एक्सप्रेस ने पाठक के हवाले से 44 एफआईआर की बात कही है।

पाठक ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ने खुलासा किया कि उसे आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में पोस्टर बांटने की ड्यूटी सौंपी गई थी।उसने एक दिन पहले भी डिलीवरी की थी। पाठक ने कहा, हमने दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है। इस संबंध में आप ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के हवाले से बताया कि दो प्रिंटिंग प्रेस फर्मों को 50-50-50 हजार पोस्टर बनाने का ऑर्डर दिया गया था और उन प्रेस से जुड़े कर्मचारियों ने रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक इनमें से काफी पोस्टर चिपकाए। अपने प्रिंटिंग प्रेस का नाम पोस्टरों पर प्रकाशित नहीं करने के आरोप में मालिकों को गिरफ्तार किया गया है।
ऐसी घटना दिल्ली में दूसरी बार हुई है। दो साल पहले 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 25 एफआईआर दर्ज की गई थी। दो साल पहले कोविड वैक्सीनेशन अभियान के दौरान मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टरों की भरमार होने पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

ताजा एफआईआर कहां-कहां

पुलिस के अनुसार, ताजा घटना में 20 एफआईआर उत्तर पश्चिम जिले में, छह उत्तर में और पांच पश्चिम में, शाहदरा और द्वारका में तीन-तीन, मध्य, पूर्वोत्तर और पूर्व में दो-दो और दक्षिण पूर्व में एक दर्ज की गई हैं।

डीसीपी (नॉर्थ वेस्ट) जितेंद्र मीणा ने जिले में 20 प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की और कहा कि उन्होंने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। एक अधिकारी ने कहा, ज्यादातर एफआईआर सार्वजनिक संपत्ति विरूपण अधिनियम और प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम के तहत दर्ज की गईं।

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अधिकारियों ने कहा कि तीन लोगों को मध्य जिले से और एक को पश्चिम से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी (वेस्ट) घनश्याम बंसल ने कहा, हमने एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक और एक शख्स को गिरफ्तार किया है और हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि उसे यह ऑर्डर कहां से मिला।

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क़मर वहीद नक़वी
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