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फाइल फोटो

किसान आंदोलन के बीच केंद्र ने बढ़ाई गन्ने की एमएसपी 

पंजाब के किसानों के चल रहे आंदोलन के बीच बुधवार को केंद्र सरकार ने गन्ने पर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी बढ़ाने की घोषणा कर दी है। सरकार ने चीनी सीजन 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) मौजूदा 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया है। 

यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में लिया गया है। सरकार की इस घोषणा से सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को होगा। ये दोनों राज्य देश में गन्ने के सबसे बड़े उत्पादक हैं। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार की यह घोषणा महत्वपूर्ण है। इसका फायद भाजपा को चुनाव में मिल सकता है। 
बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेस में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की ओर से वर्ष 2024-25 के लिए गन्ने की कीमत 340 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया गया है। 
पिछले वर्ष यह कीमत 315 रुपये थी जो कि इस वर्ष बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। सरकार ने गन्ना किसानों के कल्याण के लिए पिछले 10 वर्षों में कई काम किए हैं। पहले जहां गन्ना किसानों को कई वर्षों तक उनकी फसलों की कीमत नहीं मिलती थी वहीं अब सरकार ने सुनिश्चित किया है कि चीनी मिल समय पर किसानों को उनके बकाया का भुगतान कर दें। 
अनुराग ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2021-22 में किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले थे। वहीं 2022-23 में किसानों को 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। किसानों को मिलने वाले ये रुपये सीधे उनके बैंक खानों में भेजे गए हैं। 
उन्होंने कहा है कि  340 रुपये प्रति क्विंटल की एफआरपी का भुगतान 10.25 प्रतिशत की चीनी रिकवरी दर पर किया जाएगा। रिकवरी में 0.1 प्रतिशत की प्रत्येक वृद्धि के लिए किसानों को 3.32 रुपये की अतिरिक्त कीमत भी मिलेगी। गन्ने की कीमत में इजाफा होने का लाभ किसानों को मिलेगा। 
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5 करोड़ से अधिक होंगे लाभांवित 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होने वाला है। 
इस मंजूरी के साथ, चीनी मिलें 10.25 प्रतिशत की रिकवरी पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करेंगी। वसूली में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, किसानों को 3.32 रुपये की अतिरिक्त कीमत मिलेगी, जबकि वसूली में 0.1 प्रतिशत की कमी पर समान राशि की कटौती की जाएगी। हालाँकि, गन्ने का न्यूनतम मूल्य 315.10 रुपये/क्विंटल है जो 9.5 प्रतिशत की रिकवरी पर है। 
पिछले 10 वर्षों में, मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य सही समय पर मिले। पिछले चीनी सीज़न 2022-23 का 99.5 प्रतिशत गन्ना बकाया और अन्य सभी चीनी सीज़न का 99.9 प्रतिशत किसानों को पहले ही भुगतान किया जा चुका है। इसके कारण इतिहास में सबसे कम गन्ना बकाया लंबित है।
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क़मर वहीद नक़वी
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