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फाइल फोटो

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर लगाया राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप 

कांग्रेस द्वारा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के इस कदम के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा नेता कांग्रेस को हिंदू धर्म विरोधी और राम विरोधी बता रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह भगवान राम के नाम पर राजनीति कर रही है। 

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के सवाल पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि , हम भगवान राम के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी भगवान राम का अनुसरण करते हैं और हम अपने गांवों में राम मंदिरों के दर्शन करते हैं।  

सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर बनाया है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वे इस पर राजनीति कर रहे हैं और हम राम मंदिर के नाम पर होने वाली राजनीति का विरोध कर रहे हैं। 

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा है कि राजनीति और धर्म को अलग-अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर धर्म के आड़ में राजनीति हो रही है तो उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। 

सचिन पायलट ने कहा कि हम जनता के मुद्दों, विकास, शिक्षा, रोजगार पर चर्चा करना चाहते हैं, वहीं भाजपा इन पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। भावनात्मक मुद्दों की आड़ में वोट लेना भाजपा की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि, कोई कभी भी मंदिर जा सकता है लेकिन इस तरह का जो राजनीतिकरण हो रहा है उसे कांग्रेस पार्टी ने गलत माना है। 

इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि मेरे और श्री राम के बीच सीधा ताल्लुक है। महात्मा गांधी मंदिर जाकर राम भक्त नहीं बनते थे। वह अवधारणा अंदर थी इसलिए स्वर्ग गए और हे राम कहते हुए गए। आप हैं कौन? उन्होंने कहा कि, मेरे और मेरे ईश्वर के बीच यह जो ठेकेदारी का सिस्टम विकसित किया गया है वह हिंदू धर्म का भी कभी स्वभाव नहीं रहा है। 

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मोहन यादव ने कहा, कांग्रेस को माफी मांगना चाहिए  

कांग्रेस द्वारा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर भाजपा के प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस की इसको लेकर आलोचना करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने पहले राम मंदिर में अड़ंगे लगाए और प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अपमान करके देश की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगना चाहिए। 

वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कांग्रेस दोहरा मापदंड अपनाती है। कांग्रेस के लोग कभी श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं तो कभी ये चुनावी सनातनी बनते हैं। इस बार इन्होंने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराया है, जनता भी इन्हें ठुकराएगी।
इस घटना पर मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी कांग्रेस की आलोचना की है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कांग्रेस ने श्रीराम को श्रद्धा की दृष्टि से कभी नहीं देखा, उन्होंने कहा था कि ये काल्पनिक हैं इसलिए उनके लिए भगवान राम आस्था का केंद्र नहीं हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा यह देश की जनभावनाओं का अपमान है। जनता आगामी चुनाव में इसका जवाब देगी। 

इस पूरी घटना पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी का शुरू से ही यही रवैया रहा है। यहां तक कि जब पुनर्निर्माण के बाद सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन हुआ था और तत्कालीन राष्ट्रपति ने वहां जाने का फैसला किया था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी ने इस कदम का विरोध किया था। 

उन्होंने कहा कि, उस दिन से कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण के लिए लगातार हिंदू मान्यताओं का विरोध कर रही है। बीते 30-40 वर्षों के दौरान जब भी राम मंदिर का मुद्दा आया, या तो उन्होंने इसकी आलोचना की या इसका विरोध किया। इसलिए उनके इस फैसले से मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। 

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गिरिराज सिंह ने कहा कि, कांग्रेस के लोग सीजनल हिंदू

इस निमंत्रण को अस्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि ये लोग सीज़नल हिंदू हैं, जब उन्हें लगता है कि उन्हें वोट लेना है तो वे सॉफ्ट हिंदू बनने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस में तो जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक कोई अयोध्या नहीं गया है। अयोध्या मामले को कोर्ट में लटकाने का काम तो कांग्रेस पार्टी ने ही किया था। इसलिए इनमें अयोध्या जाने की नैतिक ताकत नहीं है। 
वहीं भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि, कांग्रेस के पास इस बार मौका था कि आप अपने को बदल कर दिखा सकते थे लेकिन इन्होंने इस बार भी ये नहीं किया। आज रामराज्य की प्राण प्रतिष्ठा का श्रीगणेश हो रहा है, लेकिन कांग्रेस उसके पक्ष में नहीं है।इससे साफ है कि गांधी जी की कांग्रेस और नेहरू की कांग्रेस में बहुत अंतर है। इससे कांग्रेस के अंदर हिंदू धर्म के प्रति जो विरोध है वो दर्शाता है।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, पीड़ादायक और शर्मनायक है। इन्होंने सदैव राम जन्मभूमि का विरोध किया था। कांग्रेस पार्टी ने देश में राज किया था फिर भी आज कहां सिमट गई है। उन्होंने कहा कि, आगे चुनाव में भी इनका सूपड़ा साफ होगा। यह कोई संघ का कार्यक्रम है?  यह राष्ट्र का कार्यक्रम है, पूरी दुनिया इसकी प्रतीक्षा कर रही है। 
इस घटनाक्रम पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि पहले दिन से हम कांग्रेस के लोगों को देख रहे हैं। वे देश भर में हिंदू धर्म और हिंदू गतिविधियों के खिलाफ हैं। अयोध्या के श्रीराम किसी एक समुदाय के भगवान नहीं हैं। कांग्रेस पहले दिन से ही इसका विरोध कर रही थी। इसलिए हमें पता था कि वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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