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दिल्ली: प्रतिबंध के बावजूद जमकर फूटे पटाखे, ख़राब हुई हवा

दिवाली के मौके पर दिल्ली में सोमवार रात को जमकर पटाखे फोड़े गए और इस वजह से मंगलवार की सुबह हवा बेहद खराब हो गई। दिल्ली सरकार ने पटाखे फोड़े जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था लेकिन लोगों ने इसे हवा में उड़ा दिया। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली में अगर किसी ने पटाखे फोड़े तो उसे 6 महीने की जेल की सजा और 200 रुपए का जुर्माना हो सकता है। 

दिल्ली पुलिस ने पटाखे जलाने वालों पर कार्रवाई के लिए राजधानी में 210 टीमें बनाई थी जबकि राजस्व विभाग की 165 टीमें और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की 33 टीमें पटाखे जलाने वालों पर नजर रख रही थी। लेकिन इस सब का ज्यादा असर नहीं हुआ और लोगों ने दिल्ली में लक्ष्मी नगर से लेकर शाहदरा और तमाम इलाकों में पटाखे फोड़े।

निश्चित रूप से दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में खराब हुई हवा और प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। दिल्ली और गुड़गांव में मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 342 दर्ज किया गया। 

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क्या होता है एक्यूआई?

एक्यूआई यानी हवा गुणवत्ता सूचकांक से हवा में मौजूद 'पीएम 2.5', 'पीएम 10', सल्फ़र डाई ऑक्साइड और अन्य प्रदूषण के कणों का पता चलता है। पीएम यानी पर्टिकुलेट मैटर वातावरण में मौजूद बहुत छोटे कण होते हैं जिन्हें आप साधारण आंखों से नहीं देख सकते। 'पीएम10' मोटे कण होते हैं। लेकिन स्वास्थ्य के लिए ये बेहद ख़तरनाक होते हैं। कई बार तो ये कण जानलेवा भी साबित होते हैं।  201 से 300 के बीच एक्यूआई को ‘ख़राब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत ख़राब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ माना जाता है।

हालांकि प्रतिबंध के बावजूद सोशल मीडिया पर कई नेताओं ने खुलकर पटाखे जलाने का समर्थन किया था। दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी जमकर पटाखे फोड़े गए। 
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दिवाली के बाद प्रदूषण के मद्देनजर खराब होने वाले हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सिर्फ ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। 

पराली जलाने की घटनाएं 

बताना होगा कि पिछले कुछ दिन से पंजाब में पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था और यहां की हवा बेहद खराब हो गई थी। पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में इन दिनों पराली जलाई जाती है। पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं इस बार पंजाब के तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर में हुई हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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