दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नए सरकारी आवास के लिए 60 लाख रुपये के उस नवीनीकरण प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है जिसको लेकर विपक्ष हमलावर था। 24 एसी, लग्जरी झूमर और स्मार्ट टीवी की चमक के बीच विपक्ष ने बीजेपी पर 'वीआईपी संस्कृति' का तमगा ठोक दिया था। आम आदमी पार्टी इसे 'मायामहल' बता रही है, तो कांग्रेस ने 'रंगमहल' का तंज कसा। विपक्ष के तीखे हमलों के बाद काम रुक गया और सरकार बैकफुट पर नज़र आ रही है। आइए, जानते हैं कि आखिर क्या है इस विवाद की इनसाइड स्टोरी?

यह मामला दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नए सरकारी आवास राज निवास मार्ग पर बंगला नंबर-1 का है। इसके लिए 60 लाख रुपये का नवीनीकरण कार्य प्रस्तावित था। लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी इस टेंडर की विपक्षी दलों आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। विपक्ष के लगातार हमलों और जनता के बीच बढ़ते विवाद के बाद ख़बर है कि नवीनीकरण का काम फिलहाल रोक दिया गया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार रेखा गुप्ता के आवास के नवीनीकरण प्रोजेक्ट के टेंडर को प्रशासनिक वजहों से रद्द कर दिया गया है। यह टेंडर बिजली के कामों के लिए था, जिसमें 14 एयर कंडीशनर, 9 लाख रुपये की क़ीमत वाले टीवी और 6 लाख रुपये की अतिरिक्त लागत वाली लाइट फिटिंग्स की स्थापना शामिल थी।
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नवीनीकरण का टेंडर और उसका विवाद

लोक निर्माण विभाग ने जून 2025 में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नए सरकारी आवास के लिए 60 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। इस टेंडर के तहत बंगला नंबर-1 में इलेक्ट्रिकल और इंटीरियर फिटिंग से जुड़े कार्य किए जाने थे। टेंडर के अनुसार, बंगले में ये काम किए जाने थे-
  • 24 एयर कंडीशनर (एसी): जिनमें से 14 की क़ीमत 7.7 लाख रुपये और कुल लागत 11.11 लाख रुपये।
  • 5 स्मार्ट 4K LED टीवी: 4 टीवी 55 इंच और 1 टीवी 65 इंच, कुल लागत 9.3 लाख रुपये।
  • 14 सीसीटीवी कैमरे: लागत 5.74 लाख रुपये।
  • 115 लैंप, वॉल लाइटर, हैंगिंग लाइट और 3 बड़े झूमर: कुल लागत 6.03 लाख रुपये।
  • 23 रिमोट-कंट्रोल सीलिंग फैन: लागत 1.8 लाख रुपये।
  • अन्य उपकरण: 85,000 रुपये का ओवन टोस्टर ग्रिल, 77,000 रुपये की वॉशिंग मशीन, 60,000 रुपये का डिशवॉशर, 63,000 रुपये का गैस चूल्हा, 32,000 रुपये का माइक्रोवेव, 91,000 रुपये के 6 गीजर, और 2 लाख रुपये का यूपीएस सिस्टम।
हालाँकि, जैसे ही इस टेंडर की जानकारी सार्वजनिक हुई, विपक्षी दलों ने इसे जनता के पैसे की बर्बादी क़रार देते हुए सरकार पर हमला बोला।

विपक्षी दलों का हमला 

आम आदमी पार्टी ने इस नवीनीकरण को 'मायामहल' का नाम देते हुए बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। आप ने सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए आरोप लगाया कि जब दिल्ली की जनता बिजली कटौती, पानी की किल्लत, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रही है, तब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने सरकारी आवास पर 'लाखों रुपये के एसी, झूमर, और टीवी' लगवाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रही हैं। 

आप ने यह भी याद दिलाया कि बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को 'शीशमहल' कहकर प्रचार किया था। अब आप ने उसी तर्ज पर रेखा गुप्ता के बंगले को 'मायामहल' करार देकर बीजेपी पर पलटवार किया है।

आप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, 'दिल्ली की जनता त्रस्त है, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मायामहल बनाने में मस्त हैं।'

कांग्रेस: रंगमहल बनवाया जा रहा

कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'शीशमहल करते-करते अपने लिए रंगमहल बनवाया जा रहा है। जिस दिल्ली के लोग अपना घर ढहाए जाने पर बुलडोजर के सामने लेटने को मजबूर हैं, वहां की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता एक नहीं, दो बंगलों को मिलाकर रहेंगी। रेनोवेशन की लागत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।' श्रीनेत ने 24 एसी, महंगे झूमर, 5 टीवी और अन्य लग्जरी उपकरणों की सूची का ज़िक्र करते हुए इसे जनता के पैसे का दुरुपयोग बताया।

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान 'शीशमहल' को लेकर आप पर हमला बोला था, लेकिन अब खुद वही रास्ता अपना रही है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की दोहरी नीति करार दिया और कहा कि जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर सरकार अपने ऐशो-आराम पर ध्यान दे रही है।
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काम क्यों रुका? सरकार बैकफुट पर

विपक्षी दलों की तीखी आलोचना और सोशल मीडिया पर 'मायामहल बनाम शीशमहल' की बहस छिड़ने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया। माना जा रहा है कि विपक्ष के हमलों और जनता के बीच बढ़ते असंतोष को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने नवीनीकरण कार्य को फ़िलहाल रोक दिया है। हालाँकि, सरकार की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी इस विवाद को और तूल नहीं देना चाहती।

बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस मुद्दे पर सफाई देने की कोशिश की है। दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि यह खर्च कोई विलासिता नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास और कैंप ऑफिस के लिए ज़रूरी सुविधाएँ हैं। कहा गया कि इस कमरे में भी 8 एसी लगे हैं, तो मुख्यमंत्री के घर में सुविधाएँ होना कोई आश्चर्य की बात नहीं। सिरसा ने आप पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने शासनकाल में किए गए खर्चों का जवाब देना चाहिए।
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रेखा गुप्ता का नया आवास

रेखा गुप्ता ने फ़रवरी 2025 में दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने शालीमार बाग से आप की बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराकर विधानसभा चुनाव जीता था। शपथ ग्रहण से पहले ही रेखा गुप्ता ने साफ़ कर दिया था कि वह पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विवादास्पद 'शीशमहल' में नहीं रहेंगी। बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान इस बंगले को जनता के पैसे की बर्बादी का प्रतीक बताया था।

इसके बाद रेखा गुप्ता को राज निवास मार्ग पर दो बंगले (नंबर 1 और 2) आवंटित किए गए। बंगला नंबर-1 को उनके निवास के लिए और बंगला नंबर-2 को कैंप ऑफिस के लिए तैयार किया जा रहा है। फिलहाल, रेखा गुप्ता अपने शालीमार बाग स्थित निजी आवास में रह रही हैं और नवरात्रि के दौरान नए सरकारी बंगले में शिफ्ट होने की योजना थी।

विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। आप और कांग्रेस दोनों ने इसे बीजेपी की 'वीआईपी संस्कृति' और 'दोहरे मापदंड' के रूप में प्रचारित किया है। अब नवीनीकरण कार्य के रुकने से यह साफ़ है कि सरकार इस विवाद को और बढ़ाना नहीं चाहती।