एलजी दफ्तर में इससे संबंधित फाइलों में दर्ज है कि दिल्ली जल बोर्ड ने जून 2012 में तीन साल के लिए पानी के बिल जमा करने के लिए कॉर्पोरेशन बैंक को अधिकृत किया था और इस समझौते को 2016, 2017 और 2019 में तीन मौकों पर रिन्यू किया गया था। फाइल की नोटिंग के मुताबिक कॉरपोरेशन बैंक ने निजी एजेंसी फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस को बिल जमा करने का ठेका दिया। एलजी दफ्तर ने 2019 में दिल्ली जल बोर्ड और कॉरपोरेशन बैंक के बीच समझौते को आगे बढ़ाने में भी अनियमितता का भी आरोप लगाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उस समय जल बोर्ड के अध्यक्ष थे।