राष्ट्रीय राजधानी में हुए दंगों की जांच को लेकर दिल्ली पुलिस के कामकाज पर कई तरह के गंभीर सवाल उठे। ये सवाल अदालतों द्वारा भी उठाए गए, पूर्व पुलिस अफ़सरों द्वारा भी उठाए गए और इसके बाद आम लोगों के बीच भी इसे लेकर चर्चा हुई। इस साल फ़रवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफ़राबाद समेत कुछ इलाक़ों में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
दिल्ली दंगा: इलियास से पुलिस ने कहा- ‘फ़ुटेज में 10 मुसलिमों के नाम बताओ, छोड़ देंगे’
- दिल्ली
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- 24 Sep, 2020
दंगाग्रस्त इलाक़े शिव विहार में स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल में तोड़फोड़ को लेकर दर्ज एफ़आईआर के आधार पर 17 मार्च को इलियास को गिरफ़्तार किया गया था।

अब एक ऐसी ख़बर सामने आई है, जिसके बाद दिल्ली पुलिस के कामकाज पर उठ रहे सवाल तेज़ हो सकते हैं। ये ख़बर दिल्ली के ही रहने वाले 28 साल के नौजवान इलियास के एक बयान से जुड़ी है। इलियास को 5 महीने से ज़्यादा का वक्त जेल में गुजारना पड़ा। दंगाग्रस्त इलाक़े शिव विहार में स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल में तोड़फोड़ को लेकर दर्ज एफ़आईआर के आधार पर 17 मार्च को इलियास को गिरफ़्तार किया गया था।
इस मामले में जमानत मिलने के बाद उसे शिव विहार में ही स्थित डीआरपी सेकेंड्री स्कूल में तोड़फोड़ के मामले में दर्ज एक दूसरी एफ़आईआर के चलते 14 मई को फिर से गिरफ़्तार कर लिया गया था। राजधानी और डीआरपी, दोनों ही स्कूलों को दंगाइयों ने निशाना बनाया था।