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6 जनवरी को होगा दिल्ली के मेयर का चुनाव; आप बना पाएगी मेयर?

दिल्ली के नए मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होगा। दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एमसीडी की पहली बैठक के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। चुनाव के दौरान एमसीडी के 250 पार्षदों के साथ ही दिल्ली विधानसभा के 13 विधायक और दिल्ली में लोकसभा और राज्यसभा के 10 सांसद भी वोट डाल सकेंगे। जबकि एमसीडी में एलजी के द्वारा मनोनीत पार्षदों को चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं है। 

एमसीडी के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली थी और 15 साल से एमसीडी की सत्ता में बैठी बीजेपी की विदाई हो गई थी। 

दिल्ली में हर साल मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किया जाता है। 

MCD councillors to take oath mayor on January 6 - Satya Hindi
साल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में प्रचंड जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को उम्मीद थी कि इस बार वह दिल्ली के 250 में से 200 से ज्यादा वार्ड में जीत हासिल करेगी लेकिन एक वक्त में उसके लिए बहुमत जुटाना ही मुश्किल हो गया था और आखिरकार वह 134 के आंकड़े पर आकर रुक गई जो बहुमत के लिए जरूरी 126 के आंकड़े से थोड़ा सा ही ज्यादा है। 
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मेयर के पद के लिए पहला साल महिलाओं के लिए आरक्षित है और आम आदमी पार्टी की ओर से प्रोमिला गुप्ता और सारिका चौधरी का नाम मेयर पद की दौड़ में आगे चल रहा है।

क्रॉस वोटिंग का डर

मेयर के चुनाव में राजनीतिक दलों को सबसे बड़ा डर क्रॉस वोटिंग का होता है क्योंकि इसमें पार्षदों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता और राजनीतिक दल अपने पार्षदों के लिए व्हिप भी जारी नहीं कर सकते। ऐसे में पार्षद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद दिल्ली के 12 एडमिनिस्ट्रेटिव जोन के लिए चुनाव होगा। 

बता दें कि साल 2012 तक दिल्ली में एकीकृत नगर निगम था लेकिन दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया था। मौजूदा केंद्र सरकार ने इन्हें फिर से एकीकृत कर दिया है। 

MCD councillors to take oath mayor on January 6 - Satya Hindi

पार्षदों की खरीद-फरोख्त का आरोप

बीते दिनों आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ने ही एक-दूसरे पर उनके पार्षदों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे। इस दौरान दोनों पार्टियों के नेता आमने-सामने आ गए थे और कहा था कि विरोधी दल के नेता उनके पार्षदों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि बीजेपी ने उसके पार्षदों को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट रखा है। 

एमसीडी के नतीजे आने के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने कहा था कि दिल्ली में उनकी पार्टी का मेयर बनेगा और इसके बाद से ही पार्षदों के खरीद-फरोख्त की चर्चा तेज हो गई थी। लेकिन बाद में दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने साफ किया था कि क्योंकि बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है इसलिए मेयर भी आम आदमी पार्टी का ही बनेगा और बीजेपी विपक्ष की भूमिका में रहेगी। 

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कांग्रेस का खराब प्रदर्शन

कांग्रेस को एमसीडी की चुनावी लड़ाई से पहले से ही बाहर माना जा रहा था और ऐसा ही हुआ। कांग्रेस को एमसीडी के चुनाव में सिर्फ 9 सीटों पर जीत मिली है जबकि साल 2017 के चुनाव में उसे 30 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार उसे सिर्फ 12 फीसद वोट हासिल हुए हैं जबकि पिछली बार उसने 21 फीसद वोट हासिल किए थे। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में वह दिल्ली में खाता भी नहीं खोल सकी थी और 2020 के विधानसभा चुनाव में तो अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। 

बीजेपी-आप में सिमटी लड़ाई 

एमसीडी के चुनाव नतीजों से यह भी पता चलता है कि दिल्ली में अब पूरी लड़ाई बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही सिमट कर रह गई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में और 2025 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच ही मुकाबला देखने को मिलेगा, यह तय है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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