बिहार चुनावों के शोर के बीच दिल्ली में चुनावी सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। 30 नवंबर को नगर निगम की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव यों तो बीजेपी की ट्रिपल इंजन की सत्ता पर कोई असर नहीं डालेंगे लेकिन 27 साल बाद दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुई बीजेपी की यह अग्नि परीक्षा जरूर है। नौ महीने पहले मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुई रेखा गुप्ता के लिए केवल प्रतिष्ठा का ही नहीं बल्कि अपने आपको साबित करने का मौका भी है। अगर बीजेपी अनुकूल नतीजे नहीं ला पाई तो उसे रेखा सरकार पर जनमत का नतीजा ही माना जाएगा। यही नहीं, अगर आम आदमी पार्टी इन चुनावों में कुछ भी हासिल कर लेती है तो उसके लिए एक संजीवनी होगी।