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प्रबीर पुरकायस्थ की फाइल फोटो

न्यूजक्लिक के  प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को किया गया गिरफ्तार 

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने वेबसाइट के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार किया है।
इन दोनों के खिलाफ यूएपीए के तहत यह कार्रवाई की गई है। इससे पूर्व न्यूजक्लिक के दर्जनों ठिकानों पर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार की सुबह छापा मारा था। इस दौरान उर्मिलेश और अभिशार शर्मा समेत कई पत्रकारों को हिरासत में लिया गया था। पत्रकारों को शाम में पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।  
न्यूजक्लिक पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की  हुई इस कार्रवाई में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और मुंबई के विभिन्न स्थलों पर छापा मारा गया। दिल्ली पुलिस ने इस छापेमारी अभियान में करीब 500 पुलिसकर्मियों को लगाया था। 
इस दौरान न्यूजक्लिक से जुड़े 40 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है। जिसमें देश के कई नामी पत्रकार भी शामिल हैं। पुलिस ने इन पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन समेत कई दस्तावेजों को जब्त भी किया था। हिरासत में लिए गए पत्रकारों और कई अन्य को पूछताछ के बाद छोड़ दिये जाने की सूचना है। मंगलवार रात तक सिर्फ दो लोगों को गिरफ्तार किये जाने की बात सामने आयी थी। 
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यूएपीए कानून के तहत समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक के ऑफिस को सील कर दिया है। इससे पहले न्यूजक्लिक प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को उनके दक्षिणी दिल्ली स्थित कार्यालय ले जाया गया था। जहां एक फॉरेसिंक टीम ने भी जांच की थी। 

वहीं जिन पत्रकारों से पूछताछ की गई है उसमें वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, अनिंद्दों चक्रवर्ती, इतिहासकार सोहेल हाशमी आदि शामिल हैं। इन सभी से 25 सवाल पूछे जाने की खबर है। 

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परंजॉय गुहा ठाकुरता ने बताया क्या पूछा पुलिस ने 

पुलिस हिरासत से छोड़े जाने के बाद मंगलवार शाम वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता ने इस पूछताछ के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुबह 6:30 बजे नौ पुलिसकर्मी गुरुग्राम में मेरे घर आए।
उन्होंने मुझसे कुछ प्रश्न पूछे। मैं स्वेच्छा से उनके साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में आया। सवालों का एक ही सेट बार-बार पूछा गया, क्या मैं न्यूज़क्लिक का कर्मचारी हूं तो मैंने कहा, 'नहीं, मैं एक सलाहकार हूं'।
यहां आने के बाद मुझे पता चला कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम ( यूएपीए) के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है। 

जाने क्या है न्यूजक्लिक पर आरोप 

समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक पर आरोप है कि उसने चीन समर्थक अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम से जुड़ी संस्थाओं से फंड लिया है। सिंघम से जुड़ी संस्थाओं से न्यूजक्लिक पर 38 करोड़ रुपये का फंंड लेने का आरोप है।  
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि इस फंड का इस्तेमाल न्यूजक्लिक ने चीन के समर्थन में प्रोपेगेंडा वाले कंटेट तैयार करने में किया है। 
कहा जा रहा है कि न्यूजक्लिक एक्सपोर्ट सर्विसेज की फीस के रूप में 29 करोड़ रुपये और शेयर की कीमतें बढ़ाकर एफडीआई के रूप में 9 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। फंड को कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और गौतम नवलखा के साथ भी शेयर किये जाने का आरोप है। 
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5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में किया गया था दावा 

सिंघम के बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने 5 अगस्त 2023 को एक खोजी रिपोर्ट छापी थी। इसमें दावा किया गया था कि नेविल रॉय सिंघम चीनी प्रचार टूलकिट को वित्त पोषित करने और प्रायोजित करने वाले व्यक्ति हैं। इसी रिपोर्ट में सिंघम के न्यूजक्लिक से जुड़े संबंधों की भी बात कही गई थी। 

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि वह एक बिजनेसमैन होने के साथ ही एक वाम विचारधारा वाले एक्टिविस्ट के तौर पर भी जाने जाते हैं।

वर्ष 1954 में अमेरिका में जन्मे सिंघम ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मिशीगन यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है। उन्होंने बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में 1993 में खुद की कंपनी थॉटवर्क्स बनाई। 
यह कंपनी आईटी कंसल्टिंग जैसी सेवाएं देती है। इस कंपनी को उन्होंने 2017 में बेच दिया। इससे अरबों रुपये उन्हें मिले। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सिंघम अपना ज्यादा समय चीन के शंघाई में ही बिताते हैं। वहीं उनका एक ऑफिस भी है। 
जहां वह चीनी प्रोपोगेंडा विभाग की मदद से काम करते हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब दुनिया भर में चीन के हित में और वाम विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए जमकर अपना धन खर्च करते हैं।  
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिकी वामपंथी अरबपति नेविल रॉय सिंघम चीन के समर्थक हैं। वे दुनिया भर में ऐसी संस्थाओं को आर्थिक सहायता देते हैं जो वाम विचारधारा को प्रचारित-प्रसारित करती हो। 
सिंघम चीनी सरकारी मीडिया मशीन के साथ मिलकर काम करते हैं और दुनिया भर में इसके प्रचार को वित्तपोषित कर रहे हैं। शी जिनपिंग के शासन में चीन ने अपने सरकारी मीडिया का विस्तार किया है, इसने विदेशी आउटलेट्स के साथ मिलकर काम किया है और विदेशी प्रभावशाली लोगों को तैयार किया है। ऐसे ही लोगों में से एक सिंघम हैं जो कि चीन के समर्थक माने जाते हैं।  
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क़मर वहीद नक़वी
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