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प्रतीकात्मक और फाइल फोटो

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति रोकने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, याचिका दाखिल हुई 

चुनाव आयोग में दो आयुक्तों की नियुक्ति का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। चुनाव आयुक्त अरूण गोयल ने पिछले दिनों अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं एक अन्य चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे पिछले महीने ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके बाद खबर आई थी कि इसी सप्ताह केंद्र सरकार दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर सकती है। 
इस बीच अब एक कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार द्वारा होने वाली चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को रोकने की मांग की है। 
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा इस सप्ताह के अंत में होने वाली दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मध्य प्रदेश की एक कांग्रेस नेता ने सरकार द्वारा होने वाली चुनाव आयुक्तों की इस नियुक्ति को रोकने के लिए 2023 के फैसले का हवाला देते हुए याचिका दायर की है।
अरुण गोयल के हालिया इस्तीफे और पिछले महीने अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्तों के दो पद खाली हो गए। भारत के चुनाव आयोग में तीन सदस्य होते हैं। इसमें से दो पद अब रिक्त हो चुके हैं। तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में अब वर्तमान में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गये हैं। 
एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। पैनल में एक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक 15 मार्च को होने की उम्मीद है। 
अपनी इस याचिका में कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने संविधान पीठ के 2023 के आदेश का हवाला दिया है। जिसमें कहा गया था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश के पैनल की सलाह पर की जानी चाहिए।
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क़मर वहीद नक़वी
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