तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख कर कहा है कि जब तक पश्चिम बंगाल समेत सभी पाँच राज्यों के चुनाव संपन्न नहीं हो जाते, दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के अधिकारों से जुड़े बिल पर राज्यसभा में चर्चा नहीं करानी चाहिए।
तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख कर कहा है कि जब तक पश्चिम बंगाल समेत सभी पाँच राज्यों के चुनाव संपन्न नहीं हो जाते,
दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर और मुख्यमंत्री के अधिकारों से जुड़े बिल पर राज्यसभा में चर्चा नहीं करानी चाहिए।
उन्होंने इसे 'लोकतंत्र, संविधान और संसद के सीने में चाकू' बताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव के कारण टीएमसी के लोग इस बहस में भाग नहीं ले पाएंगे। लेकिन इसकी पूरी संभावना है कि बुधवार को ही यह बिल राज्यभा में भी पेश कर दिया जाए। बुधवार को सभापति ने इसके लिए देर रात तक राज्यसभा की कार्यवाही चलाने का संकेत दिया।
डेरेक ओ ब्रायन ने वेंकैया नायडू को लिखी चिट्ठी में कहा है कि "यह विधेयक 'विधान का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है', जिसका समूचे भारत पर अहम असर होगा, और अगर इसे जल्दबाज़ी में पारित किया गया, तो 'न्याय की निष्फलता होगी।"
क्या कहा है टीएमसी सांसद ने?
ममता बनर्जी के क़रीबी समझे जाने वाले इस टीएमसी राज्यसभा सदस्य ने तर्क दिया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण तृणमूल कांग्रेस के सदस्य संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाएंगे। डेरेक ओब्रायन ने लिखा है, "संसद के प्रत्येक सदस्य को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाना चाहिए, जब सदन में इस बिल पर चर्चा हो। सदस्यों को इस अवसर से वंचित करना उत्तरादायी शासन के सिद्धांत के विरुद्ध होगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि इससे क़ानून पारित करने को लेकर ग]लत उदाहरण पेश होगा।
बुधवार को ही होगी बहस?
लेकिन इसकी पूरी संभावना है कि यह विधेयक बुधवार को ही राज्यसभ में पेश कर दिया जाए। बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले एआईएडीएमक सांसद मोहम्मद जॉन को श्रद्धांजलि दी गई, जिनका बीती रात चेन्नई में मृत्यु हो गई।
दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गर्वनर अनिल बैजल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो राज्यसभा चेयरमैन की ओर से कहा गया कि वित्त विधेयक पर चर्चा के लिए 8 से 9 घंटे का समय है, इसके बाद ही एनसीटी संशोधन बिल पेश किया जा सकता है।
यह भी कहा गया है कि ज़रूरत पड़ने पर राज्यभा की कार्यवाही देर रात तक चल सकती है। यानी, इससे यह तो साफ़ है कि सभापति इस बिल को बुधवार को पेश कराने की अनुमति देने को तैयार हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि उन्होंने डेरेक ओ ब्रायन की चिट्ठी को नज़रअंदाज कर दिया है।