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जेएनयू में बर्बरता: जानें, कब क्या-क्या हुआ?

जेएनयू में रविवार रात को हुई बर्बरता के ख़िलाफ़ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई से लेकर हैदराबाद और बेंगलुरू तक इस बर्बरता के ख़िलाफ़ छात्रों ने आवाज़ उठाई है। नक़ाब पहने गुंडों ने रविवार रात को जेएनयू कैंपस में जमकर उत्पात मचाया था। इस हिंसा में 30 लोगों के घायल होने की ख़बर है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस के संरक्षण में यह गुंडागर्दी की गई और देश भर के विश्वविद्यालयों में जो रहा है, उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं। 

अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, नक़ाबपोशों ने जेएनयू में पहुंची एबुंलेंस के टायर पंचर कर दिये और इन्हें कैंपस के अंदर नहीं जाने दिया। अख़बार के मुताबिक़, कई नक़ाबपोशों ने ‘पुलिस ज़िंदाबाद’ के नारे भी लगाये और पत्रकारों को फ़ोटो न खींचने के लिए भी धमकाया। इस दौरान वहां 250 पुलिसकर्मी खड़े थे और उन्होंने इन नक़ाबपोशों को रोकने की कोशिश तक नहीं की। अख़बार के मुताबिक़, नक़ाबपोश ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को’, ‘नक्सलवाद मुर्दाबाद’ और ‘न माओवाद, ना नक्सलवाद, सबसे ऊपर राष्ट्रवाद’ के नारे लगा रहे थे। 

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जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने यह गुंडागर्दी की है। जबकि एबीवीपी का कहना है कि वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े लोगों ने उनके कार्यकर्ताओं को पीटा है। 

जेएनयू के टीचर्स ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया है कि बवाल के दौरान पुलिस वहां खड़ी रही लेकिन उसने हिंसा को रोकने की कोशिश नहीं की। हिंसा के बाद जेएनयू के छात्रों ने देर रात पुलिस मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को मामले की जाँच करने के निर्देश दिए हैं। जानते हैं कि जेएनयू में रविवार को कब क़्या-क्या हुआ। 

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3:45 PM - पेरियार हॉस्टल के बाहर कुछ नक़ाबपोश लोगों के इकट्ठा होने की ख़बर आई। छात्र संगठन स्टूडेंट फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफ़आई) के कार्यकर्ताओं को पीटा गया। 

4 PM - जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन का पीस मार्च साबरमती टी-प्वाइंट से शुरू हुआ। इस मार्च में टीचर्स और छात्र शामिल हुए। 

5:30 PM - जेएनयू कैंपस के अंदर घूम रहे नक़ाबपोशों की ख़बर से खलबली मच गई। इसके बाद एक छात्र ने 5.57 पर पुलिस को पहली कॉल की। 

6:15 PM - अमित थोराट नाम के टीचर मामले को देखने के लिए पेरियार हॉस्टल की ओर बढ़ते हैं। लेकिन नक़ाबपोश लोग उन्हें पीट देते हैं। 

6:30 PM - इसके बाद यह भीड़ जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के मार्च की ओर बढ़ती है। टीचर्स उनसे बातचीत की कोशिश करते हैं लेकिन उन पर पत्थर फेंके गए और लाठियों से हमला किया गया। इसमें कई टीचर घायल हो गए। 

7:30 PM - जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष पर हमला किया गया। उनका जो वीडियो सामने आया उसमें वह ख़ून से लथपथ दिखाई दीं। आईशी ने कहा कि उन पर नक़ाबपोश गुंडों ने हमला किया। 

9 PM - नक़ाबपोश गुंडों की भीड़ जेएनयू के सातों हॉस्टल में घुस गयी और वहां जमकर तोड़फोड़ की और छात्रों को पीटा। 

इसके बाद रात 10.45 तक बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स को जेएनयू के बाहर तैनात कर दिया गया और 11 बजे तक बंद की गई स्ट्रीट लाइट्स को भी खोल दिया गया। बवाल बढ़ने की आशंका को लेकर जेएनयू के बाहर रात भर 700  से ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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