नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में शाहीन बाग़ में चल रहे धरने को दो महीने से ज़्यादा का वक्त हो गया है। प्रदर्शनकारी यही कहते रहे हैं कि वे सर्द रातों में भी धरने पर बैठे रहे लेकिन आज तक सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे मिलने नहीं आया। धरने के विरोध में याचिकाएं दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थों को नियुक्त किया और प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिये भेजा। मध्यस्थों से बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारियों का दर्द सामने आया।
शाहीन बाग़: महिलाएं बोलीं - हमारी परेशानी कौन सुनेगा, सीएए वापस होगा तभी हटेंगी
- दिल्ली
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- 20 Feb, 2020
सरकार एक इंच भी पीछे नहीं हटने की बात कहती है और शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी आधा इंच भी पीछे हटने के लिये तैयार नहीं हैं। ऐसे में किस तरह इस मुद्दे का समाधान निकल पायेगा।

कोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ बनाया गया है। पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत में मध्यस्थों की मदद कर रहे हैं। बुधवार को पहले दिन की बातचीत के बाद आज फिर मध्यस्थ प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचेंगे और उनसे बात करेंगे।