पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डों पर भारतीय हमले के बाद बुधवार दिन भर जो घटनाएं घटी हैं, उनसे हम क्या नतीजा निकालें ? किस पर विश्वास करें ? हर घंटे बयान बदले जा रहे हैं, पल्टियां खाई जा रही हैं और अपना पलड़ा भारी है, यह बताने की कोशिश भारत और पाकिस्तान, दोनों के प्रवक्ता कर रहे हैं। दोनों देशों के प्रवक्ता जहाजों, पायलटों और दुर्घटनाओं के बारे में परस्पर विरोधी दावे कर रहे हैं और उनमें फेर-बदल भी कर रहे हैं। दोनों तरफ़ की कोशिश यह है कि अपनी-अपनी सरकारों को जनता की नजर में ऊंचा उठाए रखें।
युद्ध टले तो बहुत अच्छा
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- 28 Feb, 2019

वास्तव में इमरान खान युद्ध के विरुद्ध हैं तो उन्हें बयानबाजी करने की बजाय सीधे नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए थी। यदि वह वास्तव में आतंकवाद के विरोधी हैं तो उन्हें आतंकवादी अड्डों पर भारतीय हमले का स्वागत करना चाहिए था। फ़ौज के डर से वह स्वागत नहीं कर सकते थे तो उन्हें कम से कम मौन रहना चाहिए था।