गोवा के एक नाइटक्लब में आधी रात सिलेंडर विस्फोट के बाद लगी भीषण आग में बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। ज्यादातर लोगों की जान दम घुटने से गई।
उत्तर गोवा जिले के अरपोरा गांव में एक नाइटक्लब में शनिवार-रविवार की दरमियानी देर रात करीब ढाई बजे भीषण आग से 25 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर क्लब के किचन स्टाफ हैं, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। मृतकों में चार पर्यटक भी हैं। क्लब के मालिक और जनरल मैनेजरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। घटना ने गोवा के नाइटलाइफ और अवैध निर्माणों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच पूरी होने तक क्लब को सील कर दिया गया है।
हादसा जिस नाइटक्लब में हुआ उसका नाम 'बर्च बाय रोमियो लेन' है। यह क्लब पिछले साल ही शुरू हुआ था और पर्यटन सीजन में युवाओं व पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय था। क्लब राजधानी पणजी से क़रीब 25 किलोमीटर दूर अरपोरा में है।
ज्यादातर मौतें दम घुटने से
गोवा के पुलिस महानिदेशक अलोक कुमार ने पीटीआई को बताया कि आग की शुरुआत रसोई में रखे गैस सिलेंडर के फटने से हुई। मृतकों की संख्या बढ़ रही है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार सुबह पत्रकारों से कहा था, '23 में से सिर्फ तीन लोगों की मौत जलने से हुई है, बाकी सभी की मौत घुटन के कारण हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार क्लब ने अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया था।'
मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा, 'क्लब प्रबंधन के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिन अधिकारियों ने सुरक्षा मानक उल्लंघन के बावजूद क्लब को चलाने की अनुमति दी, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। पीक टूरिज्म सीजन में यह बेहद दुखद हादसा है। हम पूरे मामले की विस्तृत जांच करवाएंगे और दोषियों पर सबसे सख्त सजा दी जाएगी।'नाइटक्लब की संकरी एंट्री-एग्जिट बनी मौत का कारण
- रिपोर्टों के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई; लोग सीढ़ियों से नीचे भागे और ग्राउंड फ्लोर की किचन में फंस गए।
- क्लब की संकरी एंट्री-एग्जिट और बैकवाटर के किनारे लोकेशन के कारण रेस्क्यू में भारी दिक्कत आई।
- फायर सर्विस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा - एक ही संकरी सड़क होने से फायर ब्रिगेड को 400 मीटर दूर पार्क करना पड़ा, जिससे बचाव कार्य देर से शुरू हुआ।
फायर सेफ्टी नियमों का खुला उल्लंघन
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, 'क्लब ने फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं किया'; घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए।
- जांच में फायर सेफ्टी और कंस्ट्रक्शन नियमों की पूरी पड़ताल होगी; जिम्मेदारी तय की जाएगी।
- कालंगुट विधायक माइकल लोबो ने ऐलान किया कि सोमवार से सभी नाइटक्लबों का फायर सेफ्टी ऑडिट, नियम नहीं मानने वालों का लाइसेंस रद्द।
अवैध निर्माण का आरोप
- आरपोरा-नागोआ सरपंच रोशन रेडकर ने पीटीआई से बताया कि क्लब का पूरा ढांचा अवैध था; कंस्ट्रक्शन लाइसेंस नहीं था।
- शिकायतों के बाद पंचायत ने जांच की, डिमॉलिशन नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पंचायत निदेशालय ने अपील पर उसे स्थगित कर दिया।
- क्लब संचालक सौरभ लुथरा हैं; जमीन मालिकों और बिजनेस पार्टनर से विवाद के चलते शिकायतें आई थीं।
आग लगने का कारण अभी साफ़ नहीं
- गोवा पुलिस प्रमुख अलोक कुमार का बयान है कि सिलेंडर ब्लास्ट से आग लगी।
- कई प्रत्यक्षदर्शी इसका खंडन कर रहे; उनका कहना है कि पहली मंजिल पर डांस फ्लोर से आग शुरू हुई।
- चश्मदीदों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आग बेली डांस परफॉर्मेंस के दौरान कुछ पटाखे फोड़ने से लगी।
- अस्थायी पाम-लीफ की संरचनाओं ने आग को तेजी से फैलाया; फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह एक्स पर पोस्ट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, 'गोवा के अरपोरा में नाइटक्लब में लगी आग की घटना अत्यंत दुखद है। जिन्होंने अपने परिजनों को खोया, उनके साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायल जल्द स्वस्थ हों। मैंने गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत जी से बात की। राज्य सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद पहुंचा रही है।'
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी एक्स पर लिखा था, 'आज गोवा के लिए बहुत दर्दनाक दिन है। अरपोरा में भीषण अग्निकांड में 23 लोगों की जान चली गई (अब मृतकों की संख्या बढ़ गई)। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घटनास्थल पर पहुंचा और जांच के आदेश दे दिए हैं। आग का सही कारण, अग्नि सुरक्षा मानकों व भवन नियमों का पालन हुआ या नहीं, इसकी गहन जांच होगी। लापरवाही बरतने वालों पर कानून के तहत सबसे सख्त कार्रवाई होगी।'
सभी क्लबों की सेफ्टी ऑडिट की मांग
स्थानीय बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा, 'यह घटना बहुत परेशान करने वाली है। ज्यादातर मृतक स्थानीय कर्मचारी थे, कुछ पर्यटक भी शामिल हैं। गोवा को हमेशा से सुरक्षित पर्यटन स्थल माना जाता रहा है, लेकिन इस तरह की त्रासदी नहीं होनी चाहिए। अब पूरे गोवा के सभी क्लबों-रेस्तरां का तत्काल सेफ्टी ऑडिट कराना जरूरी है। कर्मचारियों और पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अधिकांश मौतें बेसमेंट में दम घुटने से हुई हैं।'
पर्यटन सीजन पर असर की आशंका
अधिकारियों ने बताया कि मजिस्ट्रेट स्तर की जांच के साथ-साथ अग्निशमन विभाग और पुलिस अलग-अलग ऐंगल से जांच कर रही है। घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता और मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।
दिसंबर-जनवरी गोवा में पर्यटन का पीक सीजन होता है। क्रिसमस और न्यू ईयर की तैयारियां जोरों पर हैं। इस भयानक हादसे ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है और सुरक्षा मानकों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। गोवा में ऐसी बड़ी अग्नि त्रासदी कई वर्षों बाद हुई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
गोवा जैसे पर्यटन प्रधान राज्य में यह इस तरह की सबसे भयावह आग की घटनाओं में से एक है, जिसने एक बार फिर फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी के गंभीर परिणामों को सामने ला दिया है।