loader

तृणमूल के साकेत गोखले को अब ईडी ने किया गिरफ़्तार

मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बुधवार को टीएमसी नेता साकेत गोखले को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि साकेत गोखले ने क्राउड फंडिंग से जुटाई गई क़रीब 1.07 करोड़ रुपये की राशि का कथित रूप से दुरुपयोग किया। हालाँकि, अहमदाबाद पुलिस द्वारा दिसंबर में गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह पहले से ही जेल में हैं।

क्राउडफंडिंग के माध्यम से जुटाए गए धन के कथित दुरुपयोग के मामले में साकेत गोखले को अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 30 दिसंबर, 2022 को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। यह तीसरी बार था जब गोखले को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

ताज़ा ख़बरें

ईडी की गिरफ्तारी गुजरात पुलिस द्वारा गोखले पर निजी इस्तेमाल के लिए क्राउड फंडिंग से प्राप्त धन का उपयोग करने का आरोप लगाने के बाद हुई है।

इससे पहले दिसंबर महीने में ही साकेत गोखले को एक ट्वीट को लेकर भी गिरफ़्तार किया गया था। एक पुल गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात की मोरबी यात्रा के बारे में एक कथित फर्जी ख़बर का समर्थन करने वाले उनके ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी लेकिन इसके बाद भी गुजरात पुलिस ने उन्हें बार-बार हिरासत में लिया था।

गोखले पीआईबी फैक्ट चेक से जुड़े एक मामले को लेकर सुर्खियों में थे। पीआईबी फैक्ट चेक ने हाल ही में गोखले के उस ट्वीट को फर्जी क़रार दिया था जिसमें उन्होंने एक ट्वीट को यह कहते हुए साझा किया था कि 'आरटीआई ने खुलासा किया है कि पीएम की मोरबी यात्रा में 30 करोड़ रुपये खर्च हुए'। वह मामला भी एक तरह से मोरबी ब्रिज हादसे से ही जुड़ा हुआ है। ऐसा इसलिए कि पीएम ने वह यात्रा मोरबी हादसे के बाद की थी और उन्होंने पीड़ितों से मुलाक़ात की थी और उस अस्पताल का दौरा किया था जहाँ घायल भर्ती थे।
गुजरात से और ख़बरें

हालांकि, 1 दिसंबर को पत्र सूचना कार्यालय ने इस दावे का खंडन किया और इसे फर्जी समाचार घोषित किया। पुलिस ने गुजराती समाचार पत्र प्रबंधन से संपर्क किया, जिसने पुलिस को सूचित किया कि समाचार कभी प्रकाशित नहीं हुआ था।

गुजरात पुलिस ने कहा कि गोखले ने निजी इस्तेमाल के लिए क्राउड फंडिंग से प्राप्त धन का इस्तेमाल किया और मामले की आगे की जांच करना चाहते थे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

गुजरात से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें