गुजरात में फर्जी डिग्री वाले डॉक्टर पकड़े गए और गिरोह का मास्टरमाइंड भी पकड़ा गया है।
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आरोपी फर्जी वेबसाइट पर ''डिग्रियां'' पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे थे। पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी को पता चला कि भारत में इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के संबंध में कोई नियम नहीं हैं और उसने उक्त पाठ्यक्रम में डिग्री प्रदान करने के लिए एक बोर्ड स्थापित करने की योजना बनाई। पुलिस ने कहा कि उसने पांच लोगों को काम पर रखा और उन्हें इलेक्ट्रो-होम्योपैथी में प्रशिक्षित किया, और उन्होंने तीन साल से भी कम समय में पाठ्यक्रम पूरा किया, और उन्हें इलेक्ट्रो-होम्योपैथी दवाएं लिखने का प्रशिक्षण दिया।