दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जयसुख पटेल अपनी किताब में आरक्षण, शासन-सत्ता और भूमि अधिग्रहण की मौजूदा प्रणाली का मुखर विरोध करते हैं। वह लिखते हैं, “गुलामी हमारे डीएनए में है और तानाशाह ही हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति दिला सकता है। 95% से अधिक सरकारी कर्मचारी, अफसर और नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।”