loader

नौकरियों में आरक्षण के मामले में रोक पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची खट्टर सरकार

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा स्थानीय लोगों को नौकरियों में 75 प्रतिशत के आरक्षण पर रोक का हरियाणा की खट्टर सरकार ने विरोध किया है। खट्टर सरकार ने इसके खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा। 

इस मामले में खट्टर सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की ओर से रखे गए तथ्यों का सीजेआई एनवी रमना ने संज्ञान लिया और सुनवाई के लिए अपनी सहमति दी। 

खट्टर सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट ने सिर्फ 1:30 मिनट की सुनवाई में ही अपना फैसला दे दिया। राज्य सरकार ने याचिका में कहा है कि उसके अधिवक्ता को हाई कोर्ट ने सुना तक नहीं। 

ताज़ा ख़बरें

राज्य सरकार ने कहा है कि हाई कोर्ट का यह फैसला टिकाऊ नहीं है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है इसलिए इस रोक को हटा दिया जाए।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि उनकी सरकार इस मामले में मजबूती से कानूनी लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार हरियाणा के युवाओं को रोजगार दिलाने की लड़ाई लड़ रही है।

हरियाणा में बीते साल एक कानून बनाया गया था। यह कानून 30000 रुपये प्रतिमाह तक की तनख्वाह वाली नौकरियों पर लागू होता है। इसके जरिए हरियाणा के स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फ़ीसदी आरक्षण दिया गया था। 

हरियाणा से और खबरें

यह कानून 15 जनवरी 2022 से अस्तित्व में आया था। लेकिन राज्य की औद्योगिक इकाइयों के संगठन ने इस कानून को असंवैधानिक बताया था और इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

हरियाणा के अलावा कई और राज्यों में स्थानीय युवाओं को नौकरियों में आरक्षण दिए जाने की मांग लंबे वक्त से उठ रही है। कई राज्यों में इस संबंध में कानून भी बनाए जा चुके हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें