देश भर में जारी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा पुलिस ने 13 किसानों के ख़िलाफ़ इसलिए हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया है क्योंकि उन्होंने अंबाला में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काफिले को काले झंडे दिखाए थे और रास्ते को रोका था। उन किसानों पर हत्या के प्रयास के अलावा दंगा फैलाने और कई आरोप लगाए गए हैं। यह मुक़दमा नौ धाराओं में मंगलवार रात को दर्ज किया गया। उनपर जो धाराएँ लगाई गई हैं उनमें से एक धारा 307 है जो हत्या के प्रयास से जुड़ा है।
यह केस तब दर्ज किया गया है जब किसान नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। किसान मनोहर लाल खट्टर की बेजेपी सरकार से काफ़ी खफ़ा हैं। एक तो बीजेपी की केंद्र सरकार ने कृषि क़ानूनों को लागू किया और दूसरे जब किसान इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने आ रहे थे तो हरियाणा की खट्टर सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ सख़्ती बरती। दिल्ली की ओर कूच किए किसानों पर तब सर्द मौसम में भी पानी की बौछारें की गईं, सड़कों पर गड्ढे खोदे गए, भारी पुलिस बल लगाया गया, लाठी चार्ज किया गया। यानी हर तरह से किसानों को रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन किसान नहीं माने और दिल्ली की सीमा पर पहुँच गए।
किसानों में मनोहर लाल खट्टर के प्रति काफ़ी ज़्यादा नाराज़गी है। यही वजह है कि जब खट्टर की अंबाला में सार्वजनिक सभा होने वाली थी तब बड़ी संख्या में किसान भी जमा थे। रिपोर्टों में कहा गया है कि जब खट्टर उस कार्यक्रम के लिए पहुँचे तो किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। इसी के बाद केस दर्ज किया गया।
एफ़आईआर में कहा गया है कि किसान यूनियन ने केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ दिया है। आज भी अनाज मंडी, अंबाला शहर में किसान यूनियन के नेता और बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे।
मुक़दमे में कहा गया है, 'हमें गुप्त स्रोतों के माध्यम से पता चला कि वे माननीय मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को नुक़सान पहु़ँचा सकते हैं। लाउडस्पीकर के माध्यम से ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे क़ानून के ख़िलाफ़ अपना विरोध प्रदर्शन शांति से कर सकते हैं... लेकिन इसके बावजूद वे अपने हाथों में काले झंडे लेकर अनाज मंडी से अग्रसेन चौक पहुँचे... 12.30 बजे जब सीएम का काफिला अग्रसेन चौक पहुँचा तो उन्होंने रास्ता रोक दिया।' इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि चेतावनी के बावजूद उन्होंने वाहनों को नुक़सान पहुँचाया। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि जब पुलिस प्रशासन अपना रास्ता बदलकर काफिले को बाहर निकल रहा था तब इन दंगाइयों और अन्य लोगों ने रास्ता रोक लिया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया।
![attempt to murder charge on 13 farmers for ml khattar convoy blocked - Satya Hindi attempt to murder charge on 13 farmers for ml khattar convoy blocked - Satya Hindi](https://satya-hindi.sgp1.digitaloceanspaces.com/app/uploads/13-12-20/5fd62e1d56267.jpg)
भारतीय किसान यूनियन अंबाला के ज़िला अध्यक्ष मलकीत सिंह ने किसानों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के लिए खट्टर सरकार की आलोचना की है। द इंडियन एक्सप्रेस से सिंह ने कहा, 'किसान सिर्फ़ इसलिए विरोध-प्रदर्शन करने गए थे कि किसी को जान से मारा नहीं जाए। जब कभी भी किसान आंदोलन की कोई बात आती है तो पुलिस हमारे ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास से कम कोई आरोप लगाती ही नहीं है। किसान आंदोलन के दौरान अधिकारियों द्वारा अवरुद्ध किए गए मार्गों को खोलने के लिए भी हत्या के प्रयास के आरोप लगाए गए थे।'
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करके सारी हदें पार कर दी हैं।
उन्होंने कहा, 'किसानों के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करना सरकार की हताशा को दर्शाता है। लोकतंत्र में सभी को स्वतंत्र भाषण देने का अधिकार है लेकिन जब लोगों की आवाज़ को दबा दिया जाता है तो वे अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर आने को मजबूर होते हैं।'
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा किसानों की आवाज़ को लगातार दबाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने इस सरकार पर भरोसा खो दिया है, यही वजह है कि किसानों द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को काले झंडे दिखाए गए।
अपनी राय बतायें