गुरुग्राम की पटौदी महापंचायत में मुसलिमों के ख़िलाफ़ कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज हो गई है। गुरुग्राम की अदालत ने कहा कि ऐसे लोग देश की धर्मनिरपेक्ष छवि और ताने बाने को नुक़सान पहुँचाते हैं। इसने कहा कि जो लोग आम लोगों के बीच वैमनस्य पैदा करने और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे वास्तव में इस देश को महामारी से ज़्यादा नुक़सान पहुँचा रहे हैं। यह रामभक्त गोपाल वही है जिसने पिछले साल जनवरी में जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाई थीं। तब वह आरोपी 17 वर्षीय किशोर था।
रामभक्त गोपाल की बेल खारिज; कोर्ट- 'ऐसे लोग महामारी से ज़्यादा घातक'
- हरियाणा
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- 16 Jul, 2021
अदालत ने गुरुग्राम की पटौदी महापंचायत में मुसलिमों के ख़िलाफ़ कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है और कहा है कि ऐसे लोग देश की धर्मनिरपेक्ष छवि और ताने बाने को नुक़सान पहुँचाते हैं।

जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास गोलियाँ चलाने के मामले में उसके नाबालिग होने की वजह से उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था जहाँ वह कुछ महीने रहने के बाद बाहर आ गया था। और फिर वही पटौदी महापंचायत में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दे रहा था। इसी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी कि उसके भाषण से दंगे भड़क सकते हैं और क़ानून-व्यवस्था ख़राब हो सकती है। 12 जुलाई को उसको गिरफ़्तार कर लिया गया था।