गुरुग्राम की पटौदी महापंचायत में मुसलिमों के ख़िलाफ़ कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज हो गई है। गुरुग्राम की अदालत ने कहा कि ऐसे लोग देश की धर्मनिरपेक्ष छवि और ताने बाने को नुक़सान पहुँचाते हैं। इसने कहा कि जो लोग आम लोगों के बीच वैमनस्य पैदा करने और नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे वास्तव में इस देश को महामारी से ज़्यादा नुक़सान पहुँचा रहे हैं। यह रामभक्त गोपाल वही है जिसने पिछले साल जनवरी में जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाई थीं। तब वह आरोपी 17 वर्षीय किशोर था।