loader
चुनावी सभा में दुष्यंत चौटाला। फ़ोटो साभार - फ़ेसबुक पेज दुष्यंत चौैटाला।

जिसे कोसते रहे दुष्यंत, उसी के साथ चला पायेंगे सरकार?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण बीजेपी को जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का सहारा लेना ही पड़ा। अब यह तय हो गया है कि राज्य में बीजेपी-जेजेपी मिलकर सरकार चलायेंगे। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान और उससे पहले भी जिस बीजेपी को दुष्यंत कोसते रहे क्या उसके साथ सरकार चला पाना उनके लिए संभव होगा। 
दुष्यंत का पूरा चुनाव प्रचार देखें तो खट्टर सरकार की नाकामियों पर आधारित रहा। दुष्यंत कहते रहे कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कई झूठ बोले हैं और उनके पास उनके झूठों की लंबी फेहरिस्त है।

चुनाव प्रचार के दौरान दुष्यंत जनसभाओं के अलावा सोशल मीडिया पर भी खट्टर सरकार पर हमलावर रहे। दुष्यंत ने किसानों की समस्याओं से लेकर, बढ़ती बेरोज़गारी जैसे कई मुद्दों पर खट्टर सरकार को घेरा। 

ताज़ा ख़बरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान मुद्दा बनाया था तो चौटाला चुनावी सभाओं में कहते थे कि हरियाणा के जितने फौज़ी सेना में शहीद हो चुके हैं, उतने फौज़ी गुजरात आज तक भारतीय सेना को नहीं दे पाया है। हरियाणा में गुजरात के लोगों को नौकरी देने के मुद्दे को भी उन्होंने जोर-शोर से उठाया था। 

दुष्यंत क़ानून व्यवस्था को लेकर भी खट्टर सरकार पर हमलावर रहे थे। वह चुनावी सभाओं में कहते थे कि हरियाणा में क़ानून व्यवस्था बहुत ख़राब हो चुकी है और राज्य अपराध के मामले में चौथे नंबर पर पहुंच गया है। तब चौटाला बीजेपी सरकार को सत्ता से हटाना एकमात्र मक़सद बताते थे। 

बीजेपी से बचाने होंगे विधायक!

देखना होगा कि बीजेपी और जेजेपी का साथ कितना लंबा चलता है। दुष्यंत को एक बात पर ज़रूर नज़र रखनी होगी कि कहीं सरकार में रहने के दौरान बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ न ले। क्योंकि कई राज्यों में ऐसा हो चुका है कि बीजेपी ने वहाँ के विपक्षी दलों के विधायकों में सेंधमारी की है। कुछ समय पहले ही सिक्किम डेमोक्रेटिक फ़्रंट के 13 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके अलावा गोवा में कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक बीजेपी के साथ चले गये थे। उससे पहले 2016 में उत्तराखंड में 9 विधायकों ने बग़ावत करते हुए कांग्रेस छोड़कर बीजेपी को समर्थन दे दिया था। इसके अलावा भी हाल ही में दूसरे दलों के कई राज्यसभा सांसदों ने अपने दलों का साथ छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया था। इसलिए दुष्यंत को इस मामले में बेहद सतर्क रहना होगा। 

जेजेपी को हरियाणा की जनता ने पहले ही चुनाव में बहुत बड़ा समर्थन दिया है। राज्य में जाट मतदाताओं के अलावा दूसरे समुदाय के लोगों ने भी जेजेपी पर भरोसा जताया है। दुष्यंत ख़ुद पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को हराकर चुनाव जीते हैं। ऐसे में उनके सामने कई चुनौतियां हैं।
दुष्यंत को लोगों के भरोसे को भी बनाये रखना है, पार्टी संगठन भी चलाना है और इस बात का भी जवाब हरियाणा की जनता को देना है कि जिस बीजेपी के ख़िलाफ़ वह महीनों तक बोलते रहे, उसी के साथ सरकार बनाने को क्यों राजी हो गए। दुष्यंत को लोगों को यह बताना होगा कि किस मजबूरी में उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फ़ैसला लिया। क्या ऐसे में वह जनता के प्रति ज़्यादा वफ़ादार रहेंगे या सत्ता बचाने के लिये। ऐसे ही सवालों से जूझते हुए दुष्यंत को आगे बढ़ना होगा। देखना होगा कि हरियाणा की जनता ने जो भरोसा उन पर जताया है, उस पर वह  कितना खरा उतरते हैं और बीजेपी के साथ उनकी सियासी दोस्ती कितनी लंबी चलती है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
पवन उप्रेती
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें