कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने सिरसा में भाजपा के अशोक तंवर को 2.68 लाख वोटों से और दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में भाजपा के अरविंद शर्मा को 3.45 लाख वोटों से हराया। इसी तरह जय प्रकाश ने हिसार में भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह को 63,381 वोटों से, वरुण चौधरी ने अंबाला में 49,036 वोटों से और सतपाल ब्रह्मचारी ने सोनीपत में 21,816 वोटों से जीत हासिल की। जो खास बात है वो ये है कि शैलजा और दीपेंद्र हुड्डा को सिरसा और रोहतक के सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली यानी भाजपा से ज्यादा वोट पाए। अन्य सीटों में, कांग्रेस उम्मीदवारों को अंबाला में 9 में से पांच, सोनीपत में 9 में से चार और हिसार में 9 में से छह विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा से ज्यादा वोट मिले।
हरियाणा में सिर्फ करनाल लोकसभा सीट ऐसी है जिसकी सभी 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा के मनोहर लाल खट्टर को बढ़त मिली। खट्टर को चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पद से हटाकर करनाल से उतारा गया था। यह मोदी-अमित शाह का फैसला था। जिस पैराशूट के सहारे खट्टर हरियाणा में उतारे गए थे, उसी से वापस चले गए। करनाल से वो जीत चुके हैं लेकिन रुतबा खत्म हो गया है। केंद्र में मंत्री बनते हैं या नहीं, अभी यह भी साफ नहीं है।