हरियाणा के आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की कथित आत्महत्या की घटना ने देश की पुलिस व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि हरियाणा में भाजपा सरकार की नीतियों पर बड़ा सवाल बन गया है। कुमार ने अपने 8 पेज के आखिरी नोट में कई बड़े आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि इन अधिकारियों ने उनकी जाति के आधार पर भेदभाव किया, मानसिक तौर पर परेशान किया, सार्वजनिक रूप से बेइज्जत किया और इतना सताया कि उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
दलित IPS आत्महत्या: 8 पेज के नोट में जातिगत भेदभाव, उत्पीड़न के आरोप
- हरियाणा
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- 9 Oct, 2025
चंडीगढ़ में दलित IPS अधिकारी की संदिग्ध आत्महत्या ने पुलिस विभाग में जातिगत भेदभाव के गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 8 पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने सीनियर अधिकारियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की सेवानिवृत्ति 2033 में होनी थी। 7 अक्टूबर 2025 को लिखे गए उनके सुसाइड नोट में मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर समेत कई बड़े अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। नोट में अनुसूचित जाति के अधिकारियों के खिलाफ सिस्टम में भेदभाव और अपमान की डरावनी तस्वीर दिखाई गई है।