कुलदीप सिंह पठानिया
समझा जाता है कि स्पीकर ने यह कार्रवाई कांग्रेस के और विधायकों का भाजपा की तरफ पलायन रोकने के लिए की है, ताकि बड़े पैमाने पर दरबदल न हो सके। सूत्रों का कहना है कि भाजपा की बुधवार देर रात जो बैठक हुई थी। उसके बाद खबरें थीं कि कांग्रेस के कुछ और विधायक बागी हो सकते हैं और भाजपा उन्हें हरियाणा ले जा सकती है।
स्पीकर ने कांग्रेस के इन विधायकों को अयोग्य करार दिया हैः राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, दविंदर कुमार भुट्टो और रवि ठाकुर। ये सभी लोग मंत्री बनना चाहते थे। राजेंद्र राणा तो डिप्टी सीएम के ख्वाब देख रहे थे। इन लोगों के समर्थन में या उनकी पीठ पर सुक्खू मंत्रिमंडल के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य का हाथ था। उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा- "इस्तीफा वापस लेने और इसे स्वीकार करने के लिए तब तक दबाव नहीं डालने के बीच अंतर है। जब तक बातचीत और केंद्रीय पर्यवेक्षकों के प्रयासों से कोई अंतिम परिणाम सामने नहीं आ जाता, तब तक मैं इस्तीफा वापस नहीं लूंगा। मैंने यह कहा है कि इस्तीफा स्वीकार करने का दबाव नहीं बनाऊंगा। हमारी उनके साथ कई दौर की चर्चा हो चुकी है।" इसके बाद दोनों पर्यवेक्षकों ने गुरुवार सुबह से होटल में विधायकों को बुलाकर बातचीत शुरू कर दी है।