उल्लू, एएलटीटी और डेसीफ्लिक्स जैसे 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सरकार ने सख्त रोक लगा दी है। इनके ऐप्स, वेबसाइटों और सोशल मीडिया खातों को भी बंद कर दिया गया है। अश्लील सामग्री दिखाने के आरोप में इनपर प्रतिबंध लगाया गया है। ये कंटेंट बच्चों और भारतीय संस्कृति के लिए ठीक नहीं माने गए। सरकार ने इंटरनेट कंपनियों को आदेश दिया है कि वे इन प्लेटफॉर्मों तक लोगों की पहुंच रोक दें।

इन प्लेटफॉर्मों पर ऐसी वेब सीरीज और वीडियो थे, जिनमें अश्लील दृश्य, नग्नता और आपत्तिजनक सामग्री थी। सरकार का कहना है कि इनमें कोई अच्छी कहानी या सामाजिक संदेश नहीं था। ये सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता जैसे भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रही थी। साथ ही ये बच्चों के लिए हानिकारक थी। सरकार ने कहा कि इन प्लेटफॉर्म्स ने बार-बार दी गई चेतावनियों और सेल्फ-रेगुलेटरी नियमों का पालन नहीं किया, जिसके बाद यह कठोर कदम उठाया गया।

कौन-कौन से प्लेटफॉर्म्स बंद हुए?

  • उल्लू
  • एएलटीटी 
  • डेसीफ्लिक्स 
  • बिग शॉट्स 
  • बूमेक्स 
  • नवरस लाइट 
  • गुलाब ऐप 
  • कंगन ऐप 
  • बुल ऐप 
  • जलवा ऐप 
  • वाह एंटरटेनमेंट
  • लुक एंटरटेनमेंट
  • हिटप्राइम
  • फेनियो
  • शोएक्स 
  • सोल टॉकीज
  • अड्डा टीवी 
  • हॉटएक्स वीआईपी
  • हलचल ऐप
  • मूडएक्स
  • नियोनएक्स वीआईपी
  • फूगी 
  • मोजफ्लिक्स 
  • ट्राइफ्लिक्स 
  • शो-हिट 
इनके अलावा, इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े 26 वेबसाइट्स, 14 मोबाइल ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स को भी ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है।

पहले भी हुई थी कार्रवाई

पिछले साल मार्च 2024 में भी सरकार ने 19 वेबसाइट्स और 10 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। राष्ट्रीय महिला आयोग और बाल अधिकार आयोग ने भी उल्लू और एएलटीटी जैसे प्लेटफॉर्म्स की शिकायत की थी। उल्लू की एक वेब सीरीज 'हाउस अरेस्ट' को हटाया गया था, क्योंकि उसमें आपत्तिजनक सामग्री थी। कुछ प्लेटफॉर्म्स ने नए नामों से फिर से काम शुरू किया, जिसके बाद सरकार को और सख्ती करनी पड़ी।

'क्रिएटिव आज़ादी का मतलब अश्लीलता फैलाना नहीं' 

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रचनात्मक स्वतंत्रता का मतलब अश्लीलता फैलाना नहीं है। भाजपा सांसद रवि किशन ने इस क़दम की तारीफ की और कहा कि यह भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए ज़रूरी था। शिव सेना यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसे सही बताया और कहा कि उन्होंने पहले भी इन प्लेटफॉर्मों के खिलाफ आवाज उठाई थी।
सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस प्रतिबंध को सही बता रहे हैं, क्योंकि यह बच्चों को गलत सामग्री से बचाएगा। लेकिन कुछ का मानना है कि यह रचनात्मक आज़ादी पर रोक है। एक एक्स यूजर ने लिखा, 'यह बहुत अच्छा कदम है। उल्लू और डेसीफ्लिक्स जैसे ऐप्स को पहले ही बंद करना चाहिए था।'

डिजिटल कंटेंट की होगी सख़्त निगरानी

सरकार का कहना है कि वह डिजिटल सामग्री पर नजर रखेगी। इसके लिए एक खास टीम बनाई गई है। यह कार्रवाई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी है कि वे भारतीय कानूनों और संस्कृति का सम्मान करें। साथ ही, यह डिजिटल उद्योग को जिम्मेदारी से सामग्री बनाने का मौका देता है।