देश भर के 500 से ज़्यादा शिक्षाविद और एक्टिविस्ट लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के जाने माने प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक डॉ. रविकान्त के समर्थन में आए हैं। उन्होंने एक साझा बयान जारी कर डॉ. रविकान्त पर 'हमले' की निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि डॉ. रविकान्त के ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफ़आईआर वापस ली जाए और उनपर 'हमले' को उकसाने वाले लोगों और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जाए।
लखनऊ के प्रोफेसर पर हमला अकादमिक आज़ादी पर हमला: 500 बुद्धिजीवी
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- 13 May, 2022
लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के जाने माने प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक डॉ. रविकान्त पर क्यों 'हमला' किया गया? क्या यह विश्वविद्यालयों में अकादमिक स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास है? जानिए शिक्षाविदों व एक्टिविस्टों ने क्या कहा है।

उन्होंने बुधवार को बयान जारी कर कहा है कि वे 'ज़्यादातर शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों और सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ मिलकर हिंदुत्व कार्यकर्ताओं' द्वारा देश भर में शिक्षाविदों पर किए जा रहे हमलों से चिंतित हैं'। उनका मानना है कि डॉ. रविकान्त पर हमला अकादमिक स्वतंत्रता के बुनियादी सिद्धांतों पर हमला है। इन बुनियादी सिद्धांतों में आलोचनात्मक सोच, सवाल करने की संस्कृति, मुख्यधारा के नैरेटिव के विपरीत विचार शामिल हैं।