एजीईएल ने देरी का कारण अधूरा ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचा बताया है। सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (CTUIL) ने अभी तक आवश्यक ट्रांसमिशन सिस्टम को पूरी तरह से चालू नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि SECI के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, अप्रैल 2025 तक 1,000 मेगावॉट की ट्रांसमिशन क्षमता होने की उम्मीद है, अतिरिक्त 1,000 मेगावॉट की क्षमता जनवरी 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। यानी अडानी बिजली सप्लाई में देरी की वजह मोदी सरकार के सिस्टम को ही बता दिया है।
यह पूरा मामला अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों के बीच आया है। जिसमें अडानी समूह पर निवेशकों को गुमराह करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने जनता को पिछले सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन से जुड़ी किसी भी अनियमितता के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।