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अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग की एक और रिपोर्ट जल्द?

संसद ठप पड़ी है। केंद्र सरकार भारतीय विपक्षी दलों को अडानी मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दे रही है। विपक्ष का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार किसी उद्योगपति के साथ खुलकर खड़ी है। वो अडानी समूह की धोखाधड़ी पर चर्चा और जांच रोकने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। लेकिन आज गुरुवार को हिंडनबर्ग रिसर्च ने धमाका कर दिया। उसने कहा कि वो जल्द ही एक और रिपोर्ट लाएगा। ब्लूमबर्ग सहित देश और विदेश के मीडिया ने हिंडनबर्ग के ट्वीट को यह कहते हुए रिपोर्ट किया है इस रिपोर्ट का संबंध भी अडानी समूह से ही होगा। 
हिंडनबर्ग रिसर्च ने गुरुवार को घोषणा की कि वो "एक और बड़ा" खुलासा करेगा, जिससे लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर आगे किसे निशाना बनाएगा।
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यूएस शॉर्ट-सेलर ने 24 जनवरी को अडानी समूह पर 106 पन्नों की एक रिपोर्ट के साथ हमला किया था। जिसमें अडानी ग्रुप पर विभिन्न वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले आई इस रिपोर्ट की वजह से अडानी के शेयरों में $86 बिलियन की गिरावट देखी गई और इसके बॉन्ड में विदेशी बिकवाली शुरू हो गई।

हाल ही के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी को 28 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, जो अपने उच्चतम स्तर (जब वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे) से 60 प्रतिशत से अधिक है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस बारे में खुलासा नहीं किया है कि वो नई रिपोर्ट किसके बारे में लाएगा, लेकिन अटकलें अधिक हैं कि नई रिपोर्ट मौजूदा बैंकिंग संकट और उसमें अडानी की भूमिका से भी हो सकता है। लेकिन ये सिर्फ अटकलें हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च एक वित्तीय रिसर्च फर्म है जो वित्तीय कुप्रबंधन, अनियमितताओं, छिपे हुए लेनदेन के लिए डेरिवेटिव, क्रेडिट और स्टॉक की जांच करती है। फर्म अपने खुद के पैसे का निवेश करके इन चीजों का पता लगाती है। कई बार दांव लगाने से पहले रिपोर्ट में अपने निष्कर्षों का खुलासा करती है।

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हिंडनबर्ग ने आज जो घोषणा की है, उससे भारत का अर्थतंत्र दहला हुआ है। जबकि इंटरनेट पर लोग कयास लगा रहे हैं। तमाम लोगों ने व्यंग्य करते हुए कहा है कि उम्मीद है यह भारत और अडानी के बारे में नहीं होगी। कुछ लोगों ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि जब देश में अडानी पर चर्चा हो रही है तो ऐसे समय में यह रिपोर्ट क्यों आ रही है। जिन लोगों ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाया है, उन्होंने ही इसका संंबंध अडानी समूह से जोड़ा है। बहरहाल, मामला दिलचस्प हो गया है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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