क्यों हो रहा है विरोधः मछुआरा समुदाय के लिए विझिंगम का समुद्री तट जीवनरेखा है। यही उनकी रोटी-रोजी है। मछुआरों का कहना है कि जिस हिस्से में पोर्ट बनाया जा रहा है वहां ग्रोइन्स (सीमेन्ट और मसाले का अवरोध) का अवैज्ञानिक निर्माण, पुलिमट्ट (बनावटी समुद्री दीवार) की वजह से कोस्टल एरिया का क्षरण बढ़ जाएगा। इससे पर्यावरण को नुकसान तो होगा ही। सबसे महत्वपूर्ण है कि मछलियां प्रभावित होंगी, जिसे उनका कारोबार चौपट हो जाएगा। केरल के पर्यावरणवादियों ने भी इस पर चिन्ता जताई है। उनका कहना है कि अडानी पोर्ट से सिर्फ तिरुवनंतपुरम का समुद्री तट ही नहीं प्रभावित होगा, बल्कि इस असर कोल्लम, अलपुझा, कोच्चि और अन्य समुद्री तटों पर भी पड़ेगा।