गौतम अडानी
अडानी की कंपनी AAHL को 2019 में कुछ एयरपोर्ट सौंपे गए थे, जिनका संचालन वो कर रहा है। ये हैं त्रिवेंद्रम, मंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और गुवाहाटी हवाई अड्डे हैं। यानी मोदी जब दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री बने तो सरकार ने सरकारी हवाईअड्डों को बेचा। जिसका सबसे बड़ा खरीदार अडानी समूह था। 2021 में अडानी की कंपनी ने मुंबई एयरपोर्ट को भी हासिल कर लिया। मुंबई हवाई अड्डा उसने GVK समूह से लिया था। अब अडानी की कंपनी भारत में कुल यात्री यातायात का 23% हिस्सा नियंत्रित करती है। यानी पैसेंजर ट्रैफिक का 23 फीसदी हिस्सा अडानी के पास है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अडानी को सरकारी एय़रपोर्ट सौंपे जाने का मामला कई बार उठा चुके हैं। राहुल गांधी ने 7 फरवरी 2023 को कहा- देश में एयरपोर्ट से लेकर सेब तक में एक ही शख्स की चर्चा है। राहुल ने कहा कि आखिर पीएम मोदी का अडानी समूह से क्या लिंक है। राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अडानी पर अपना हमला केंद्रित रखा।
2022 में, श्रीलंका बिजली बोर्ड के अध्यक्ष ने श्रीलंका में संसदीय समिति को सूचित किया कि उन्हें राष्ट्रपति राजपक्षे ने बताया कि उन पर पीएम मोदी द्वारा अडानी को पवन ऊर्जा परियोजना देने के लिए दबाव डाला गया था। यह भारत की विदेश नीति नहीं, अडानी के कारोबार के लिए नीति है।