पुलवामा हमले के बाद देश में बढ़ते हुए युद्धोन्माद और कुछ महीने बाद होने वाले चुनाव के मद्देनज़र यह सवाल अब सबके दिमाग को मथ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगला क़दम क्या होगा? वह पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे और सरकार के पास क्या विकल्प हैं? क्या मोदी एक और सर्जिकल स्ट्राइक का रास्ता चुनेंगे, सीमित युद्ध करेंगे, बड़ा युद्ध लड़ेंगे, कूटनीति का इस्तेमाल कर पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने की रणनीति अपनाएँगे, आर्थिक नाकेबंदी कराएँगे, ‘जैसा को तैसा’ की राह पर चल कर बलूचिस्तान-सिंध में विद्रोहियों को उकसाएँगे? ये सवाल इसलिए भी अहम हैं कि चुनाव का समय है। नरेंद्र मोदी ने विपक्ष में रहते हुए जिस तरह हर हमले के बाद सरकार को कटघरे में खड़ा किया और सत्ता में आने के बाद छद्म राष्ट्रवाद का नैरेटिव खड़ा कर दिया, तो अगर अब वह कुछ नहीं करेंगे तो वह ख़ुद कटघरे में घिर जाएँगे, उनसे सवाल पूछे जाएँगे और ठीक चुनाव के पहले वह यह जोखिम नहीं उठा सकते।
पाकिस्तान को ‘मजा चखाने’ के लिए क्या करेगी 'राष्ट्रवादी' मोदी सरकार?
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- 23 Feb, 2019
विपक्ष में रहते हुए बात-बात में पाकिस्तान को मजा चखाने और हमला कर देने की बात करने वाली बीजेपी सरकार में रह कर क्या करेगी?
