चीन के साथ बढ़ते तनाव और गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प के बाद हथियार बनाने वाली विदेशी कंपनियाँ अपने उत्पाद जल्द से जल्द भारत को देने की कोशिश में हैं।