सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 नवंबर) को इस पर फैसला सुनाया कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जे का दावा कर सकती है। फरवरी 2024 में, चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की सात जजों की बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मौजूदा चीफ जस्टिस का शुक्रवार को आखिरी दिन था, अब वो रिटायर होने जा रहे हैं तो जाते-जाते उन्होंने यह फैसला सुनाया।
एएमयू अल्पसंख्यक दर्जाः क्या है पूरा मामला, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों स्थिति बहाल रखी
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- 29 Mar, 2025
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश का एक ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान है, जिसकी जड़ें भारत की आजादी की लड़ाई से जुड़ी हुईं हैं। अल्पसंख्यक दर्जे का अर्थ यह नहीं है कि यहां हिंदू छात्र नहीं पढ़ते या उन्हें एडमिशन नहीं मिलता। लेकिन इसका अल्पसंख्यक दर्जा छीनने की कोशिश कई दशक से जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बहुमत के फैसले में इसके अल्पसंख्यक दर्जे को बरकरार रखा, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। जानिए एएमयू के इस विवाद से जुड़ी सारी बात और इसका अतीतः

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