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राजा भैया पर एक और एफआईआर, लेकिन कुंडा में दहशत कभी खत्म नहीं हुई

कुंडा एक बार फिर सुर्खियों में है। कुंडा हर बार यहां के स्वयंभू राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की वजह से सुर्खियों में आता है। राजा भैया इस बार भी चुनाव मैदान में थे। कल मतदान वाले दिन कुंडा में जमकर गुंडागर्दी हुई। चुनाव आयोग और पुलिस बेअसर रहे। लेकिन आज दोनों सोते से जागे। कुंडा की पुलिस ने आज राजा भैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। लेकिन उसने सपा प्रत्याशी गुलशन यादव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जिन्होंने राजा भैया से कड़ा चुनावी मुकाबला किया। 

कुंडा थाने में दर्ज एफआईआर में सपा के पोलिंग एजेंट राजेश सरोज को पीटने के आरोप में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के संस्थापक राजा भैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में राजा भैया और 17 अन्य का नाम है। इसमें आईपीसी धाराएं और एससी-एसटी अधिनियम के प्रावधान लागू।

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दूसरी तरफ पुलिस ने सपा प्रत्याशी गुलशन यादव पर भी एफआईआर की है। इस क्रॉस एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विजय प्रताप सिंह नामक शख्स को घर में घुसकर गुलशन यादव और उनके लोगों ने पीट दिया, पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की फोटो को पैरों से कुचल दिया।

इस सारे मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कल ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि यह हमें आतंकित करने का प्रयास था। गोलियां चलीं और मेरे समर्थक घायल हो गए। लेकिन कांच तोड़कर आप मनोबल नहीं तोड़ सकते। कुंडा में खिलेगा गुलशन।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने लखनऊ में चुनाव आयोग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि यह सपा के मतदाताओं को खुलकर वोट डालने से रोकने की कोशिश है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित मिश्रा ने मीडिया को कल बताया था कि कुंडा के पहाड़पुर गांव में पथराव की घटना में सपा प्रत्याशी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। हमें शिकायत मिली है और एफआईआर दर्ज की जा रही है। घटना का मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वो एफआईआर आज दर्ज की गई। कल क्यों नहीं दर्ज की गई, इसका पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है। शायद वो राजा भैया के लोगों की तरफ से भी शिकायत का इंतजार कर रही थी। उस शिकायत के मिलने के बाद आज उसने दूसरे पक्ष यानी सपा प्रत्याशी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की।
Another FIR on Raja Bhaiya, but the panic in Kunda never ended - Satya Hindi
गुलशन यादव, कुंडा से सपा प्रत्याशी
राजा भैया की संक्षिप्त कहानीरघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का विवादों से नाता है। 2013 में उन पर डीएसपी जियाउल हक की हत्या का आरोप है। जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया समेत चार लोगों पर एफआईआर कराई थी। कुंडा के बलीपुर गांव में जमीन विवाद में राजा भैया के समर्थकों और पाल बिरादरी के लोगों में संघर्ष हुआ। पाल बिरादरी के लोग गांव छोड़कर भागने लगे तो डीएसपी जियाउल हक वहां जा पहुंचे। उन्होंने राजा भैया के लोगों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन इसी दौरान डीएसपी की हत्या कर दी गई। उस समय राजा भैया अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में मंत्री थे। अखिलेश ने उनसे फौरन इस्तीफा मांग लिया।

इसके अलावा भी कुंडा के तमाम गांवों में आम लोगों को तरह-तरह से परेशान करने के कई मामले दर्ज हैं। इनमें दलितों पर जुल्म करने की भी एफआईआर दर्ज है। मायावती के मुख्यमंत्री काल में राजा भैया पर कड़ी कार्रवाई हुई थी। उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था। उनके कथित महल में बने एक तालाब से उस समय पुलिस ने एक नरकंकाल भी बरामद किया था। उस समय आरोप लगा था कि राजा भैया ने उस तालाब में घड़ियाल पाल रखे हैं। उस समय भी राजा भैया पर हत्या का केस दर्ज हुआ था।

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वक्त बीता, मायावती की सरकार नहीं रही तो इन सच्ची कहानियों का अंतिम नतीजा भी खत्म हो गया। पुलिस ने आगे उन मामलों में क्या किया, कोई नहीं जानता। राजा भैया ने कपड़ों की तरह पार्टियां बदली हैं। वो सपा की सरकार में मंत्री तक रहे। उन्हें बीजेपी ने भी शरण दी और बीजेपी अभी भी उनकी शरण स्थली है। नाम के लिए उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बना रखी है लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी की तरफ से बीजेपी सरकार को समर्थन दे रखा है। यहां ये भी बताना जरूरी है कि जिस राजा भैया के खिलाफ सपा ने गुलशन यादव को कुंडा से मैदान में उतारा था, वही गुलशन यादव कभी राजा भैया के खास लोगों में रहे हैं। लेकिन अखिलेश ने राजा भैया को 2013 में मंत्री पद से हटाने के बाद दोबारा उन्हें सपा में आने का रास्ता रोक दिया। कुंडा के यादवों ने अखिलेश से मुलाकात कर अपना प्रत्याशी देने की मांग की तो अखिलेश ने उनमें से गुलशन यादव का चुनाव किया। अखिलेश के ट्वीट से लगता है कि वो गुलशन यादव की जीत के प्रति आश्वस्त हैं। अगर वाकई ऐसा हुआ तो कुंडा में राजा भैया पर काफी हद तक लगाम लगेगी। राजा भैया सत्ता संरक्षण के बिना एक मिनट के लिए भी हावी नहीं रह सकते। 10 मार्च को तस्वीर साफ हो जाएगी कि कुंडा के कथित राजा का राज छिनेगा या बीजेपी के संरक्षण में बरकरार रहेगा।
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क़मर वहीद नक़वी
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