दिल्ली दंगों के बाद भारत के शहरों में नए किस्म का रंगभेद उभरने और अलग-अलग समुदायों के लोगों के अलग-अलग कस्बों में रहने की प्रवृत्ति बढ़ने की आशंका है। मुसलमानों को अब अपनी पसंद के घर ढूंढने में ख़ासी दिक्क़तों का सामना करना होगा। मानवाधिकार विशेषज्ञों ने यह आशंका जताई है।