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दुनिया से उठी आवाज़, शांति क़ायम करें भारत-पाकिस्तान

विश्व समुदाय ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और दोनों देशों से आग्रह किया है कि वे स्थिति पर काबू पाएँ और जल्द से जल्द बातचीत शुरू करें। भारत और पाकिस्तान की ओर से एक-दूसरे के ठिकानों पर बम गिराए जाने और एक भारतीय पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कहा है कि दोनों देशों को तुरन्त अपनी-अपनी कार्रवाइयाँ रोक कर बातचीत शुरू कर देनी चाहिए। 
अमेरिका, फ्रांस,चीन, ब्रिटेन,ऑस्ट्रेलिया सहित पड़ोसी मुल्क श्रीलंका और नेपाल ने इस घटना पर अपना बयान देकर चिंता जताई है।

'राजनीतिक समाधान निकालें' 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से यूके चिंतित है और दोनों देशों को संयम बरतने और बात आगे न बढ़ाने को कहता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन दोनों देशों के नियमित संपर्क में है और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए बातचीत और राजनीतिक समाधान की वकालत करता है।
मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी विदेशी मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी से युद्ध की संभावनाओं को कम करने और पाकिस्तान की ज़मीन पर चल रहे आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करने को कहा है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु काँग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच अच्छा रिश्ता और सहयोग दोनों देशों के लिए तो अच्छा है ही, दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।

वहीं रूस के विदेश मंत्रालय ने भी दोनों देशों को संयम रखने को कहा और दोनों देशों के संंबंधों को लेकर चिंता ज़ाहिर की है। रूस ने कहा कि वह दिल्ली और इस्लामाबाद को आतंकवाद विरोधी लड़ाई में मदद करेगा।

'आतंकी गुटों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान'

वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने सबसे पहले भारत में हुए हमले पर भारत का पक्ष लिया। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पाइन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर चिंतित है। पाकिस्तान को तुरंत उसकी सीमा में पल रहे आतंकी गुटों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हमले को अंजाम देने वाला आतंकी गुट जैश-ए-मुहम्मद शामिल है। यह क़दम दोनों देशों के बीच संघर्ष को कम करेगा।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सीमा पार से आतंकवाद के ख़िलाफ़  भारत को अपनी सुरक्षा करने को सही ठहराया और पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी सीमा में आतंकवादी समूहों को समाप्त करे।इसके अलावा पड़ोसी मुल्क श्रीलंका और नेपाल ने भी दोनों देशों के रिश्तों के बारे में चिंता जताई है।
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क़मर वहीद नक़वी
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